मुजफ्फरपुर में 34 लड़कियों के साथ रेप मामले में गैर सरकारी संगठन (NGO) सेवा संकल्प एवं विकास समिति के संचालक बृजेश ठाकुर के खिलाफ बिहार सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है. इस बार सरकार ने बृजेश ठाकुर का आर्म्स लाइसेंस रद्द कर दिया है.
इसके साथ ही मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी मोहम्मद सोहेल ने बृजेश ठाकुर को जारी किए गए सभी हथियार को 48 घंटे के अंदर वापस जमा करने का आदेश दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक बृजेश ठाकुर के पास एक पिस्टल और एक राइफल का लाइसेंस निर्गत किया हुआ है लेकिन जिलाधिकारी के फरमान के बाद उसे 2 दिनों के अंदर अपने दोनों हथियार सरकार को वापस जमा करना है.
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ बलात्कार के मामले में बृजेश ठाकुर मुख्य आरोपी है. बृजेश के खिलाफ 31 मई को FIR दर्ज की गई थी और गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था.
मुजफ्फरपुर में बालिका गृह कांड को लेकर बिहार सरकार पर विपक्ष लगातार दबाव बना रहा है. इस मामले में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया और कैंडल मार्च निकाला.
इस दौरान तेजस्वी के समर्थन में उनकी बहन मीसा भारती, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, जेडीयू से अलग हुए शरद यादव, सीपीआई नेता डी राजा, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह समेत अन्य नेता और छात्र नेता भी जंतर-मंतर पहुंचे.
जंतर- मंतर पर प्रदर्शन के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि मुजफ्फपुर की घटना से खून खौलता है. उन्होंने कहा कि आज हम दिल्ली इसलिए पहुंचे हैं कि हमारे चाचा (नीतीश कुमार) की अंतरआत्मा नहीं जाती है. तेजस्वी यादव ने कहा कि जो बच्ची दरिंदों के बारे में ज्यादा जानती थी, उसको सबसे पहले दूसरे शेल्टर होम में शिफ्ट किया गया. नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि आज बिहार में जंगलराज नहीं, बल्कि राक्षस राज चल रहा है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए.