अयोध्या गोलीकांड पर मुलायम सिंह यादव ने एक बार फिर विवादित बयान दे दिया है. मुलायम सिंह ने कहा है कि अगर देश की एकता की खातिर ज्यादा लोगों को भी मारना पड़ता तो वो पीछे नहीं हटते.
अयोध्या पर दिया विवादित बयान
मुलायम सिंह ने अपने जन्मदिन के मौके पर कहा कि साल 1990 में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में देश की एकता के लिए कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं, उसमें 28 लोग मारे गए. अगर हम मस्जिद नहीं बचाते तो, उस दौर के कई मुस्लिम नौजवानों ने हथियार उठा लिए थे. मुलायम ने कहा कि इसके बावजूद अगले चुनाव में पार्टी को 105 सीटें मिलीं और सरकार बनाई, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में सपा को महज 47 सीटें मिलीं, जो शर्म की बात है.
मुस्लिम नौजवान के हाथ में हथियार
मुलायम सिंह यादव ने कहा कि जब अयोध्या में गोलियां चलीं 20 लोग मरे और 80 घायल हुए. आडवाणी ने कहा 56 मरे. हम ने कहा अटल जी अगर सूची दे दें तो हम पैर पकड़ कर माफी मांगेंगे. लेकिन 6 महीने बाद पता चला 28 मरे हैं तो उनको मदद कर दी. देश की एकता के लिए अगर ज्यादा मारना पड़ता तो मारते. मुलायम ने मुस्लिम नौजवानों की दुहाई देते हुए कहा कि अगर मस्जिद नहीं बचाते तो आज मुस्लिम नौजवानों के हाथ में हथियार होते, जब मस्जिद ही नहीं रहेगा तो क्या फायदा.
बेटे को आर्शीवाद, पर खिंचाई भी
मुलायम सिंह ने जन्मदिन पर अपने बेटे और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को खुलकर आशीर्वाद दिया और कहा कि अखिलेश पहले मेरा बेटा है, फिर नेता. इसलिए उन पर मेरा आर्शीवाद हमेशा रहेगा, लेकिन इसके साथ ही मुलायम सिंह ने बेटे की गलतियों पर खिंचाई करते हुए कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में सिर्फ 47 सीटें ही मिलीं, इसके लिए कौन जिम्मेदार है.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी नेताओं को जमकर नसीहत देते हुए मुलायम ने कहा कि सपा को आज भी मुसलमानों का उतना ही समर्थन हासिल है, जितना पहले था. मुसलमानों ने सपा का साथ नहीं छोड़ा है, बल्कि पार्टी के नेता उनका वोट नहीं डलवा सके. चुनाव में जितने भी मुसलमानों ने वोट दिया है, उनमें से 90 प्रतिशत ने सपा को ही दिया है.
पार्टी को दी नसीहत
पिछले विधानसभा में समाजवादी पार्टी की करारी हार पर मुलायम सिंह ने कहा कि आपको थोड़ा काम और मेहनत करने की जरूरत है. मुस्लिम समाज ने सबसे ज्यादा समाजवादी पार्टी को वोट दिया है. मुलायम सिंह ने पार्टी को ये नसीहत दिया…
1. मुसलमानों के साथ होने के बावजूद समाजवादी पार्टी उनसे वोट नहीं डलवा पाई. लिहाजा पार्टी को और भी मेहनत करने की जरूरत है.
2. आमतौर पर मुसलमान सपा के साथ सहानुभूति रखता है, लेकिन मौजूदा हालात को आप कैसे ठीक करोगे, बूथ कैसे चलवाओगे, ऐसा उनकी मुसीबत में साथ देकर ही संभव है. हमारा जन्मदिन मनाना तब सफल होगा, जब संकल्प करके जाना कि जहां पर जो भी व्यक्ति अभाव में हो, उसका साथ दोगे. सभी कार्यकर्ता समाजवाद के प्रणेता राम मनोहर लोहिया की सात क्रांतियों का अनुसरण करें.
3. मुसीबत में लोगों का साथ दें और उनकी मदद करें. बहुओं और बेटियों को दबाया न जाए. महिलाओं पर होने वाले अत्याचार कम करें. समाजवादियों को सीखना चाहिए कि सिर्फ 65 फीसदी ही ऐसे लोग हैं, जिनको भर पेट खाना मिल रहा है. सम्पन्नता और बराबरी ही असली समाजवाद है. गरीबों की मदद करें.
4. 65 फीसदी खेतिहरों के पास आधुनिक सुविधा नहीं है. जब तक किसान संपन्न नहीं होगा देश खुशहाल नहीं होगा. इसलिए इस ओर भी नजर रखें.
5. 15 लाख देने का वादा करने वाली बीजेपी झूठ बोल कर सत्ता में आई. वादाखिलाफी को हम भ्रष्टाचार मानते हैं. इसलिए वही वादा करें, जिसे आप पूरा कर सकते हैं. हमने दवाई और पढ़ाई मुफ्त की बात कही थी और हमने वो कर दिखाया.
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