दुनिया के 72 देशों और क्षेत्रों में समलैंगिक संबंध अभी भी अपराध की श्रेणी में हैं, इनमें से 45 देशों में महिलाओं के बीच के यौन संबंधों को गैर कानूनी करार दिया गया है। एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है।
इंटरनेशनल लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांस एंड इंटरसेक्स एसोसिएशन (आईएलजीए) ने कहा, ‘आठ देश हैं जहां समलैंगिकता की सजा मौत है। इनमें ईरान, सूडान, सऊदी अरब, यमन, सोमालिया, नाइजीरिया, इराक और सीरिया शामिल हैं। इसके अलावा दर्जनों अन्य देश हैं जहां समलैंगिक गतिविधियों पर जेल की सजा हो सकती है।”
द गार्डियन ने इस रिपोर्ट के हवाले से बताया कि समलैंगिकता को लेकर दक्षिणी और पूर्वी अफ्रीका, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया का सबसे कठोर दृष्टिकोण है, जबकि पश्चिमी यूरोप और पश्चिमी गोलार्ध इसे लेकर सबसे सहिष्णु हैं।
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समान लिंग संबंधों को अभी भी 71 देशों में ‘प्रकृति के खिलाफ’ माना जाता है और वहां कानून के तहत जेल की सजा हो सकती है। इसके साथ ही 120 से ज्यादा देशों ने समलैंगिगकता को अपराध की श्रेणी से मुक्त कर दिया है।
आईएलजीए रिपोर्ट की सहलेखिका एनगुस कैरोल का कहना है, ‘दुनिया का कोई भी देश ऐसा नहीं है जहां एलजीबीटी (लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर) लोगों को भेदभाव, कलंक या हिंसा से सुरक्षा मिली हो।’
लेकिन, साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि लैंगिक झुकाव और लैंगिक पहचान के मुद्दों पर दुनिया भर में ‘आश्चर्यजनक प्रगति’ भी हुई है। जर्मनी में इस साल के अंत में मतदान से यह तय किया जाएगा कि समान लिंग के बीच शादी को वैधानिक मान्यता दी जाए। वहीं, माल्टा 24वां देश होगा जहां समलैंगिक शादी को मान्यता दी गई है।
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