नवजात शिशु को प्रारंभिक अवस्था के दौरान मूंगफली से बने उत्पाद खिलाने से बच्चे के विकास या उसके पोषण पर कोई खराब असर नहीं होता। एक शोध में इसकी पुष्टि हुई है।
मुख्य शोधार्थी लंदन के किंग्स कॉलेज मैरी फीने का कहना है, “निष्कर्षो से यह बात साबित होती है कि मूंगफली खाने से स्तनपान की अवधि पर कोई असर नहीं होता। हां, अगर नवजात को छह माह की उम्र से पहले टोस खाद्य पदार्थ खिलाया जाए तो जरूर उसकी स्तनपान की अवधि पर असर पड़ सकता है।”
यह शोध एलर्जी एंड क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी ऑनलाइन पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्सस डिजिजेज (एनआईएआईडी) के मार्शेल प्लॉट का कहना है, “इस शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि बच्चों को शुरुआत में ही मूंगफली युक्त खाद्य पदार्थ दिया जा सकता है, ताकि उनमें मूंगफली के प्रति एलर्जी पैदा न हो।”
इससे पहले के एक शोध में पता चला था कि अगर बच्चों को शुरुआत में मूंगफली वाले खाद्य पदार्थ खिलाएं जाएं तो उनमें आगे चलकर एलर्जी का खतरा 81 फीसदी कम हो जाता है।