राष्ट्रीय स्तर के एक कार्यक्रम में दक्षिण के सुप्रसिद्ध अभिनेता और अब राजनेता कमल हासन ने देश के मौजूदा हालात और राजनीति से जुड़ी कई बातें की. हासन ने खुद को राजनीतिक आधार पर भूखा इंसान बताया जो सामने सड़ा-गला पड़े होने के बाद अब खुद कुछ बना के खाना चाहता है, शायद इसलिए हासन ने अपनी खुद की पार्टी बनाई है. कमल हासन ने अपने प्रेरणा स्त्रोत के रूप में अरविन्द केजरीवाल, पिनाराई और चंद्रबाबू नायडू का नाम लिया.
आगे हासन ने कहा “अब फिल्म और एक्टिंग में अपना योगदान पूरा कर चुका हूं लिहाजा अब यह नई जिम्मेदारी निभा रहा हूं. कमल हासन ने कहा कि तमिलनाडु में बीते 50 साल से मीडियॉक्रिटी का माहौल था और इसने मुझे राजनीति में आना पड़ा. मैं राजनीति के मौजूदा स्वरूप को चुनौती दे रहा हूं. तमिलनाडु में पोलिटिकल पार्टियों ने पहले तमिल प्राइड का सहारा लिया लेकिन सिर्फ मीडियॉक्रिटी को आगे बढ़ाया.कमल हासन ने कहा कि मेरे लिए पार्टी का नाम मायने नहीं रखता. यदि कोई भी पार्टी देश के खिलाफ जाती है तो मैं उसका विरोध करुंगा. कमल हसन ने कहा कि वह समाज में अतिवाद के खिलाफ है. पेरियार की मूर्ति को तोड़ना इसका उदाहरण है.”
मौजूदा राजनीतिक हालातों पर कमल हासन ने कहा कि ‘उनकी हालत भूखे इंसान जैसी जिसके सामने ढेर सारा सड़ा-गला पड़ा है और वो कुछ नया बनाकर खाना चाहता है साथ ही लोगों को भी खिलाना चाहता है’ हासन ने इस बयान में खुद की तुलना राजनीतिक हालातों के आधार पर की है, साथ ही डीएमके और एआईएडीएमके को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह सुधर जाएं वरना हम सत्ता संभालने के लिए तैयार है, जनता आपको माफ़ नहीं करेगी.
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