नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे को लेकर हमारे पड़ोसी देश भी हम पर नजर बनाए हुए हैं। गुरुवार को व्लादिमीर पुतिन से पीएम मोदी की मुलाकात हुई। इस दौरान कई समझौते हुए, सबसे अहम रहा- एस-400 डिफेंस सिस्टम को लेकर रहा। इसपर डील पक्की हो गई है और जल्द ही ये भारत को मिल सकता है।
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इस दौरे के दौरान भारत और रूस के बीच कई और महत्वपूर्ण मुद्दों पर समझौता हुआ है। रूस ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) और परमाणु हथियार अप्रसार की अन्य व्यवस्था में इसकी सदस्यता के अपने पुरजोर समर्थन की बात भी दोहराई है।
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हमारे पड़ोसी देशों को अब तो एक और झटका लगा है। रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री रोगोजिन ने ऐलान किया कि भारत को विमान भेदी मिसाइल प्रणाली एस-400 की आपूर्ति को लेकर प्रीकान्ट्रैक्ट तैयारियां जारी हैं। उन्होंने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि इसमें और कितना समय लगेगा। फिलहाल सरकारों के बीच एक समझौता है और अब हम शर्तों पर सामान्य रूप से चर्चा कर रहे हैं। बता दें कि यह डिफेंस सिस्टम एक साथ 36 मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। खासकर पाकिस्तान और चीन से हमले की स्थिति में भारत इस सिस्टम का बेहतर इस्लेमाल कर सकेगा।
क्या है एस-400 की खासियत
एस-400 Triumf, एक विमान भेदी मिसाइल है। एस-400 Triumf रूस की नई वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है, जो सन् 2007 में रूसी सेना में तैनात की गई थी। इन मिसाइलों से विमानों, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों तथा ज़मीनी ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है । ये मिसाइलें 400 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं।
चीन के पास पहले से ही है यह मिसाइल
रूस के अलावा यह वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली चीन ने भी ख़रीदकर अपनी सेना में शामिल की है। भारत को पाकिस्तान के साथ-साथ चीन की ओर से भी मिसाइल हमलों और हवाई हमलों का ख़तरा रहता है। इसलिए एस-400 वायु सुरक्षा प्रणाली की बहुत सख़्त ज़रूरत है।
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