अब अमेरिकी सरकार वहां रह रहे भारतीयों को एक बड़ा तोहफा देने जा रही है। दरअसल, डोनाल्ड ट्रम्प की नई आव्रजन पॉलिसी की बाद से ही अमेरिका में रह रहे लाखों भारतीयों की नौकरी खतरे में पड़ने जा रही है। लेकिन अब अमेरिका ने खुद साफ कर दिया है कि किसी भी भारतीय की नौकरी खतरे में नहीं पड़ेगी।
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पिछले दिनों एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ट्रंप H-1B वीजा से संबंधित नियमों को और सख्त बनाने पर विचार कर रहे हैं। माना जा रहा था कि इसकी वजह से वहां काम करने वाले 750,000 आईटी इंजिनियर्स की नौकरी भी खतरे में पड़ जाएगी और उन्हें भारत वापस आना पड़ेगा। लेकिन अब खुद ट्रंप प्रशासन ने कह दिया है कि वो अभी कोई ऐसा प्रपोजल लागू करने नहीं जा रहे, जिससे भारतीयों की नौकरी पर असर पड़े।
इन खबरों पर सफाई देते हुए अधिकारी ने कहा कि यूएस सिटिजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विस (USCIS) ऐसे किसी बदलाव को करने की फिलहाल नहीं सोच रहा है। वहीं USCIS के मीडिया प्रमुख जोनाथन विथंगटन ने कहा कि अगर यूएस ऐसा कुछ करने भी वाला होता तो इसका यह मतलब नहीं कि लोगों को नौकरियां छोड़ अपने देश जाना ही होगा। विथंगटन ने बताया कि कानून की धारा 106 ए-बी के तहत इन पेशेवरों के नियोक्ता एक-एक साल के लिये विस्तार के लिये आग्रह कर सकते हैं।
विथंगटन ने कहा, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘बाइ अमेरिकन, हायर अमेरिकिन’ संबंधी आदेश पर अमल के लिये एजेंसी कइ तरह के नीतिगत बदलावों को आगे बढ़ा रही है। इसके तहत रोजगार से जुड़े तमाम वीजा कार्यक्रमों की भी समीक्षा की जा रही है।
दूसरी तरफ H-1B वीजा पर चल रही बहस का असर भारत में भी दिखने लगा है। खबरों के मुताबिक, भारत में आईटी सेक्टर में लाखों लोगों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है और बहुत से लोगों को तो नोटिस थमा भी दिया गया है। दरअसल, कंपनियां उन लोगों के लिए अभी से जगह खाली करने में लग गई हैं जिन्हें संभावित तौर पर अमेरिका वापस भेज सकता है।