डायबिटीज एक लाइलाज रोग है। एक बार हो जाने के पश्चात् यह ताउम्र साथ रहती है। इस रोग को दवा, दिनचर्या एवं खानपान में सुधार कर नियंत्रण किया जा सकता है। साथ ही मीठी चीजों का कम से कम सेवन करना चाहिए। यदि लापरवाही बरतते हैं, तो यह रोग खतरनाक सिद्ध हो सकती है। इस रोग से त्वचा भी प्रभावित होती है। इससे त्वचा संबंधी कई प्रकार की समस्यां होती हैं। इनमें एक बॉर्डरलाइन डायबिटीज भी है। यदि आप भी अपनी त्वचा संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो इसे अनदेखा न करें, बल्कि तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। यह बॉर्डरलाइन डायबिटीज के संकेत है। यदि आपको इस बारे में बिल्कुल नहीं पता है, तो आइये हम आपको विस्तार से बताते है…
बॉर्डरलाइन डायबिटीज क्या है: चिकित्सा क्षेत्र में बॉर्डरलाइन डायबिटीज को प्री-डायबिटीज भी बोला जाता है। इसमें गर्दन, बांह तथा ग्रॉइन मतलब पेट एवं जांघ के बीच गहरे धब्बे आने लगते हैं। इस हालत में शख्स के रक्त में इंसुलिन का स्तर बहुत बढ़ जाता है। सरल शब्दों में कहें तो बॉर्डरलाइन डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शख्स को डायबिटीज नहीं रहती है, किन्तु डायबिटीज होने की संभावना बेहद ज्यादा रहती है।
एक्सपर्ट्स की मानें तो सामान्य मनुष्य में शुगर का स्तर खाली पेट 100 mg/dl रहता है। जबकि खाना खाने के पश्चात् शुगर स्तर 140 mg/dl से तक रहना चाहिए। यदि खाना खाने के पश्चात् शुगर स्तर 140 mg/dl से ऊपर रहता है, तो यह बॉर्डरलाइन डायबिटीज के संकेत है। यदि इस दौरान लापरवाही बरतते हैं, तो डायबिटीज का संकट बढ़ जाता है। इस स्थिति में दवा की आवश्यकता नहीं होती है, किंतु खानपान पर खास ध्यान देने की आवश्यकता होती है। साथ ही प्रतिदिन एक्सरसाइज एवं योग अवश्य करें।
बॉर्डरलाइन डायबिटीज के लक्ष्ण: यदि आप अपनी गर्दन, बांह तथा ग्रॉइन मतलब पेट और जांघ के बीच गहरे धब्बे देखते हैं, तो यह प्री-डायबिटीज के संकेत हैं। इसे बॉर्डरलाइन डायबिटीज भी बोलते हैं। इस स्थिति में इंसान के रक्त में इंसुलिन का स्तर बेहद बढ़ जाता है। चिकित्सा पद्धति में इसे अकन्थोसिस निगरिकन्स कहा जाता है।