लखनऊ: कैसरबाग इलाके में रहने वाले एक पतंग कारोबारी के 16 साल के बेटे ने खुद को मामा की लाइसेंसी राइफल से गोली मार अपनी जान दे दी। गोली किशोर के सिर के आरपार निकल गयी और उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। किशोर ने आत्महत्या क्यों की फिलहाल इस बात पता नहीं चल सका है।
एसपी पश्चिम जयप्रकाश यादव ने बताया कि डाक्टर बीएन रोड इलाके में पतंग कारोबारी अमित नाथ वर्मा अपने परिवार के साथ रहते हैं। बताया जाता है कि सोमवार की रात घर पर अमित का बेटा 16 वर्षीय कुशाग्र वर्मा अकेला था। पिता व मां अल्का बाजार किसी काम से गये थे। रात करीब 8 बजे जब दोनों लोग वापस घर लौटे तो देखा कि दरवाजा खुला हुआ है। उन लोगों ने कुशाग्र को आवाज लगायी पर कुशाग्र के कमरे से कोई जवाब नहीं मिला। कुशाग्र की मां अल्का कमरे में पहुंची तो अंदर का मंजर देख सन्न रह गयीं।
कमरे के फर्श पर कुशाग्र का खून से लथपथ शव पड़ा था। बेड पर कुशाग्र के मामा की लाइसेंसी राइफल पड़ी थी। कुशाग्र ने मामा की लाइसेंसी राइफल से खुद को गोली मार कर जान दी थी। कुशाग्र की मां की चीख पुकार सुनकर मोहल्ले के लोग भी जमा हो गये। कमरे के अंदर का मंजर जिसने भी देखा वह दहल गया। कुशाग्र का भेंजा बिस्तर पर पड़ा था। चारों तरफ खून ही खून बिखरा हुआ था। सूचना मिलते ही मौके पर कैसरबाग पुलिस भी पहुुुंच गयी। छानबीन के बाद पुलिस ने कुशाग्र के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस ने घटना में प्रयुक्त लाइसेंसी राइफल को अपने कब्जे में ले लिया। अभी तक इस बात का पता नहीं चल सका है कि कुशाग्र ने आत्महत्या क्यों की। वहीं परिवार के लोग अभी इस बारे में कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हैं। इकलौते बेटे की मौत के बाद से पूरा परिवार सदमे में है। किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर हुआ क्या? कुशाग्र चारबाग स्थित बाल विद्या मंदिर स्कूल में 11 वीं का छात्र था।
आज ही घर आयी थी मामा की राइफल
सीओ कैसरबाग ने बताया कि कुशाग्र के मामा आलोक सिन्हा नाका के न्यू गणेशगंज इलाके के रहने वाले हैं और जल संस्थान में ठेकेदार करते है। उनका असलहे के लाइसेंस बाजारखाला इलाके से बना था। बताया जाता है कि सोमवार को आलोक अपनी राइफल का लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए कलेक्ट्रेट आये थे। नामंकन की वजह से उनका लाइसेंस रिन्यू नहीं हो सका तो आलोक अपनी राइफल लेकर बहन अल्का के घर पहुंच गये और राइफल को वहीं रखकर चले गये।