सेहतमंद रहने के लिए लोग अब अधिक प्रयास कर रहे हैं। इसके बाद भी कैंसर इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहा है। दरअसल, लोग स्वस्थ रहना तो चाहते हैं, पर अनुकूल प्रयास नहीं कर रहे हैं। ज्यादातर बच्चों को घर का खाना पसंद नहीं है। वे टिफिन में भी जंक फूड लेकर जाते हैं। यह उन्हें शुरू से ही कैंसर के जोखिम की तरफ धकेल रहा है। इसी तरह लोग जानते हैं कि कैंसर की स्क्रीनिंग होनी चाहिए, पर बहुत कम ही कराते हैं। इससे कैंसर का पता समय पर नहीं चल पाता ।
मुझे कैंसर नहीं हो सकता, अधिकांश लोग इस सोच में रहते हैं। वास्तव में कैंसर किसी को भी हो सकता है। वातावरण और आनुवंशिक कारणों को छोड़ दें तो कैंसर में 70 प्रतिशत योगदान खराब जीवनशैली का है।
मोटापा और कैंसर
इंस्टीट्यूट आफ कैंसर रिसर्च व इंपीरियल कालेज, लंदन के अध्ययनों की मानें तो 20 से 49 वर्ष के लोगों में थायरायड, ब्रेस्ट, किडनी, इंडोमेट्रियल व ल्यूकेमिया कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं।
19-39 उउम्र के युवाओं में कैंसर तेजी से फैल रहा है
भारत में पांच में एक कैंसर मरीज की उम्र 40 से कम है नेशनल कैंसर रजिस्ट्री के अनुसार
तंबाकू, अल्कोहल, मोटापा व हाइ ब्लड शुगर जैसे जोखिम कारकों पर नियंत्रण किया जाए तो 42% कैंसर मामलों को रोका जा सकता है, द लांसेट और ग्लोबल बर्डन आफ डिजीज स्टडी के अनुसार
स्ट्रेस भी है जिम्मेदार
यदि प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत है तो कैंसर कारक कोशिकाएं खत्म होती रहती हैं। इन दिनों तनाव प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है। स्ट्रेस में लोग अल्कोहल, धूमपान या चाय- काफी का सेवन अधिक करते हैं। यह और भी खतरनाक है। इसकी जगह ध्यान, संगीत आदि से इसे कम करने का प्रयास करें।
बढ़ाएं सक्रियता
हफ्ते में कम से कम 150 मिनट व्यायाम कारगर है। ब्रिस्क वाक, जागिंग, योग व प्राणायाम से मोटापा को नियंत्रित रखना चाहिए। इनसे रक्त संचार बेहतर और हार्मोंस संतुलन रहता है।
कैसा हो आपका खानपान?
प्लांट बेस्ड और फाइबर युक्त चीजों को भोजन में शामिल करें।
कार्ब और चीनी कम से कम रखें। फल-सब्जी का सेवन अधिक करें।
माइक्रोवेव का प्रयोग कम करें।
कैलोरी ग्रहण करने के अनुरूप सक्रियता रखें, ताकि वजन नियंत्रित रहे ।
ग्रीन टी, जामुन, साग व ब्रोकोली, फूलगोभी आदि भोजन में शामिल करें।
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