ग्राउंड प्लस सेवन का प्रस्ताव शासन से पास हो गया है। भवन का प्रस्तावित बजट 47 करोड़ रुपये है। बता दें कि नए भवन में जनरल, सर्जिकल और प्राइवेट तीन तरह के रोगियों को भर्ती कर इलाज की व्यवस्था रहेगी। खास यह है कि सौ बेड का सर्जिकल आईसीयू अलग से होगा।
कानपुर के एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में नया सात मंजिला भवन बनेगा। इसमें प्रदेश का पहला मॉड्युलर आईसीयू होगा, जिसमें हवा का आदान-प्रदान हैपा फिल्टर के जरिये होगा। इसमें कोई रोगाणु नहीं रहेगा। इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि प्रदेश में अभी किसी संस्थान में मॉड्युलर आईसीयू नहीं है।
इसके बन जाने से 500 मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा सकेगा। अभी दो सौ मरीजों को भर्ती करने की सुविधा है। इसके साथ ही दो प्राइवेट वार्ड होंगे। इनमें 50 बेड होंगे। रोगियों को कार्डियोलॉजी में प्राइवेट कक्ष की सुविधा भी मिलेगी। अभी कार्डियोलॉजी में प्राइवेट कक्ष की सुविधा नहीं है। कार्डियोलॉजी निदेशक ने बताया कि ग्राउंड प्लस सेवन का प्रस्ताव शासन से पास हो गया है।
कार्यदायी संस्था यूपीआरएनएन है। भवन का प्रस्तावित बजट 47 करोड़ रुपये है। इसके अलावा उपकरण आदि की अलग से व्यवस्था की जाएगी। इसमें जनरल, सर्जिकल और प्राइवेट तीन तरह के रोगियों को भर्ती कर इलाज की व्यवस्था रहेगी। खास यह है कि सौ बेड का सर्जिकल आईसीयू अलग से होगा।
रोगियों को ट्रॉली पर रखकर इलाज देना पड़ता है
अभी सर्जरी के रोगियों के लिए 20 बेड की व्यवस्था रहती है। उन्होंने बताया कि सामान्य रोगियों के लिए दो तल अलग से होंगे। इससे सामान्य रोगियों को बेड मिलने में आसानी रहेगी। अभी सभी बेड शत प्रतिशत भरे रहते हैं। बेड खाली न रहने पर फौरी तौर पर रोगियों को ट्रॉली पर रखकर इलाज देना पड़ता है।
वित्तीय स्वीकृति मिलते ही हो जाएगा काम शुरू
वहीं, बहुत से रोगी ऐसे आते हैं जो प्राइवेट कक्ष चाहते हैं और इसका खर्च दे सकते हैं। उनके लिए भी आसानी हो जाएगी। अभी प्राइवेट कक्ष चाहने वाले रोगियों के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। नया भवन बनने से प्राइवेट कक्ष भी मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि वित्तीय स्वीकृति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।
दूसरे प्रदेशों से भी आते हैं रोगी
एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में कानपुर और आसपास के 17 जिलों के अलावा दूसरे प्रदेश के रोगी भी इलाज के लिए आते हैं। मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड आदि के प्रांतों के रोगी भी यहां इलाज के लिए आते हैं। इंस्टीट्यूट के बेड 20 सालों से शत-प्रतिशत भरे रहते हैं। हर साल ओपीडी और भर्ती होने वाले रोगी मिलाकर औसत पांच हजार रोगी बढ़ जाते हैं।
नए भवन में ये सूविधाएं स्थिति
प्रथम, द्वितीय और तृतीय तल- जनरल वार्ड 150 बेड
चौथे और पांचवें तल पर सर्जिकल आईसीयू- 100 बेड
छठवें और सातवें तल पर प्राइवेट वार्ड- 50 बेड