कोविड-19 अस्पतालों में ड्यूटी करने वाले डाक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए मेडिकल कालेज हास्टल, गेस्ट हाउस या फिर किराए की किसी बिल्डिंग में एक्टिव क्वारंटाइन की व्यवस्था की जाएगी। पिछली बार की तरह उन्हें होटलों में क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक डा.केके गुप्ता की ओर से सभी मेडिकल कालेजों व विशिष्ट चिकित्सा संस्थानों को पत्र भेजकर क्वारंटाइन की व्यवस्था और भोजन पर होने वाले अनुमानित खर्च के लिए बजट का प्रस्ताव मांगा गया है। तीन महीने का अनुमानित बजट प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश में जिस तरह कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, उसके चलते फिर सभी अस्पतालों को पूरी क्षमता के साथ कोरोना रोगियों का इलाज करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में डाक्टर व स्टाफ की जो टीम कोरोना मरीजों का इलाज करेगी, उसे 14 दिन एक्टिव क्वारंटाइन में रखने की तैयारी की जा रही है, ताकि डाक्टरों व स्टाफ के स्वजन को कोरोना संक्रमण के खतरे से बचाया जा सके।
लविवि के हास्टल में छात्रा मिली कोरोना संक्रमित : लखनऊ विवि के तिलक हास्टल में एक छात्रा कोरोना संक्रमित पाई गई है। दो अप्रैल को विवि में जांच शिविर लगाया गया था। इसमें छात्रा की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। आश्चर्य की बात है कि हास्टल प्रशासन ने इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को नहीं दी। उसे हास्टल में ही रखा गया। प्रवक्ता डा. दुर्गेश श्रीवास्तव का कहना है कि छात्रा के घर वालों से संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने उसे भेजने से मना कर दिया। छात्रा हास्पिटल भी जाने को तैयार नहीं थी। इसलिए उसके कमरे के बाहर बैरिकेडिंग कर दी गई है।
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