स्वाति श्रीवास्तव
लखनऊ: उत्तर प्रदेश-निवासी डॉ राम शंकर उपाध्याय के नेतृत्व वाली लक्साई लाइफ साइंसेस प्राइवेट लि को केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन, नई दिल्ली ने, कोविड-19 के दौरान हृदय की रक्षा हेतु औसधि के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है। मूल रूप से आगरा के रहने वाले डॉ राम शंकर फिलहाल स्वीडन में रहते हैं। उत्तर प्रदेश के विकास में भागीदारी के लिए तत्पर डॉ राम शंकर की कंपनी को अपनी औषधि के ट्रायल का आदेश फ़रवरी के शुरुआती दिनों में मिल गया है।
डॉ राम शंकर बताते हैं कि औषधि का क्लीनिकल ट्रायल, भारत के 4 प्रमुख संस्थानों में अगले कुछ दिनों में शुरू कर दिया जाएगा। औषधि के बारे में बात करते हुए डॉ रामशंकर कहते हैं कि पूरे विश्व में कोविड-19 के केस के अध्ययन से ये बात सामने आई कि अधिकतर ये वायरस मरीजों के हृदय, फेफड़े और नर्वस सिस्टम पर सबसे ज़्यादा असर करता है। कोविड-19 के उपचार के बाद भी रोगियों में हृदयाघात एवं सांस की परेशानी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। ऐसे में हमारी रिसर्च पिछले कुछ महीनों से इस बात पर केंद्रित रही है कि किस तरह हृदय और फेफड़ों पर हो रहे प्रभाव को कम किया जाए।
लक्साई लाइफ साइंसेस प्राइवेट लि की रिसर्च टीम ने इसी बात को ध्यान में रखकर औसधि के क्लीनिकल ट्रायल की तैयारी की है। डॉ रामजी का मानना है कि यदि क्लीनिकल ट्रायल के बाद औषधि सभी पैमानों पर खरी उतरती है तो पूरे विश्व में कोविड-19 के इलाज में आमूल-चूल परिवर्तन आने की संभावना है। डॉ राम का मानना है कि यदि क्लीनिकल ट्रायल सफल होता है तो यह औषधि, हृदय की रक्षा करने में भी कारगर साबित हो सकती है।
भारत में कई बड़ी फार्मास्यूटिकल कंपनियों में कार्यरत रहने के पश्चात डॉ राम शंकर ने स्वीडन की उपसाला यूनिवर्सिटी में बतौर असिस्टेन्ट प्रोफेसर के रूप में कार्य करते हुए अपनी उद्यमी क्षमता को भी आगे बढ़ाया है। उसी कड़ी में आंध्र प्रदेश में लक्साई लाइफ साइंसेस प्राइवेट लि की स्थापना की। डॉ राम शंकर ओहम ऑनकोलोजी में भी मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी के तौर पर जुड़े हैं।
डॉ राम शंकर बताते हैं कि उनका सपना है कि वो उत्तर प्रदेश के विकास में सक्रिय रूप से भागीदारी करें। इसी कड़ी में उन्होंने दक्षिण कोरिया स्थित विश्व विख्यात वैज्ञानिक एवं पीबीआरसी इंस्टिट्यूट के प्रोफेसर ई चॉय के साथ मिलकर प्लाज़्मा आधारित एयर प्यूरीफायर का आविष्कार किया है। डॉ राम उपाध्याय चाहते हैं कि इस एयर प्यूरीफायर का प्लांट उत्तर प्रदेश के किसी जिले में लगाया जाए। डॉ राम शंकर बताते हैं कि इस संबंध में उन्होंने उत्तर प्रदेश के संबंधित अधिकारियों से पहले चरण की वार्ता भी कर ली है।
उनका मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्म निर्भर भारत के सपने को सच करने के लिए ये आवश्यक है कि विदेश में रह रहे भारतीय भी इस यज्ञ में अपनी सक्रिय आहुति दें। मेरा बचपन भी किसी भी आम नागरिक की तरह ही साधारण था। जब मैंने नौकरी करनी शुरू की तभी से मन में ये विचार उत्पन्न होते थे कि हमें अपने देश के लिए कुछ करना है। शायद भारत में मेरी कम्पनी की स्थापना उन्हीं सपनों के साकार होने की शुरुआत भर हैं। मेरी कोशिश है कि उत्तर प्रदेश में एयर प्यूरीफायर प्लांट के अलावा फ्यूचरिस्टिक रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट सेंटर फॉर इंफेकशियस डिजीज की स्थापना की जाए। मेरा अगला लक्ष्य इस ओर कार्य प्रारंभ करने का है।