यूपी में नवंबर से फरवरी के बीच वैश्विक निवेशक सम्मेलन (जीआईएस) और भूमि पूजन समारोह (जीबीसी) होगा। ये अब तक का सबसे बड़ा निवेशक सम्मेलन होगा।
प्रदेश में इस वर्ष सर्दियों में एक और निवेश उत्सव मनाया जाएगा। नवंबर से फरवरी के बीच वैश्विक निवेशक सम्मेलन (जीआईएस) और भूमि पूजन समारोह (जीबीसी) होगा। ये अब तक का सबसे बड़ा निवेशक सम्मेलन होगा, जिसमें कम से कम 33 लाख करोड़ रुपये के नए प्रस्ताव शामिल किए जाएंगे। वहीं, 3 लाख करोड़ रुपये का भूमि पूजन समारोह होगा। प्रदेश में एक इन्वेस्टर समिट, एक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और चार जीबीसी हो चुकी हैं।
प्रदेश को 10 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए 110 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए वर्ष 2025-26 में 88 लाख करोड़ रुपये के नए एमओयू या निवेश लीड चाहिए। इस लक्ष्य के लिए इन्वेस्ट यूपी और औद्योगिक विकास विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पीसीएस स्तर के दो जॉइंट सीईओ के साथ निजी क्षेत्र के शीर्ष दिग्गजों को महाप्रबंधक स्तर के पदों के रूप में जोड़ा गया है। यूपी में अब तक 37.82 लाख करोड़ रुपये के 28743 एमओयू हो चुके हैं। इनमें पिछले वर्ष फरवरी में 10 लाख करोड़ के एमओयू जीबीसी में शामिल किए गए थे। इसमें से 2.76 लाख करोड़ के 6996 एमओयू के तहत इकाइयों में उत्पादन भी शुरू हो चुका है।
वेरीफाइड एमओयू और नई रणनीति के साथ होगा निवेशक सम्मेलन
110 लाख करोड़ के नए निवेश के लिए इन्वेस्ट यूपी की टीम नई रणनीति पर काम कर रही है। सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) जिन देशों से आता है और सबसे ज्यादा निर्यात जिन देशों में किया जा रहा है, उन देशों पर ज्यादा फोकस है। इस वित्त वर्ष में देश में सबसे ज्यादा निवेशक सम्मेलन हुए। ये असम, राजस्थान, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल में हुए। यूपी की टीम इन पांचों प्रदेशों के सम्मेलन का अध्ययन कर नई पहल की रिपोर्ट तैयार कर रही है। जैसे कर्नाटक अपने निवेशक सम्मेलन में लैंड बैंक लेकर निवेशकों के बीच गया। इस फॉर्मूले को यहां लागू किया जा सकता है। पहली बार वेरीफाइड एमओयू और निवेशकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर कन्वर्जन
गुजरात में कुल एमओयू में से 7 फीसदी का भूमि पूजन समारोह हुआ
असम में कुल एमओयू में से 12 फीसदी का भूमि पूजन समारोह हुआ
यूपी में कुल एमओयू में से 38 फीसदी का भूमि पूजन समारोह हुआ
चार गुना हो गया निवेशकों का इंसेटिव
औद्योगिक विकास विभाग द्वारा निवेशकों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि आठ वर्ष में चार गुना बढ़ी है। वर्ष 2017-18 में जहां 575 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि निवेशकों को दी गई थी। वर्ष 2024-25 में ये बढ़कर 2229 करोड़ रुपये हो गई। इन्वेस्ट यूपी में वर्तमान में 14 आवेदन लंबित हैं। दो वर्ष में 55 कंपनियों को लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी किया जा चुका है। इनमें से 11 निवेश प्रत्यक्ष विदेश नीति के तहत आए हैं। इन 55 कंपनियों के जरिये प्रदेश में 42000 करोड़ रुपये निवेश किए जा चुके हैं।
110 लाख करोड़ रुपये के एमओयू की जरूरत
प्रदेश की अर्थव्यवस्था दस खरब डॉलर बनाने के लिए 110 लाख करोड़ रुपये के एमओयू की जरूरत है। इसीलिए नवंबर से फरवरी के बीच वैश्विक निवेशक सम्मेलन कराया जाएगा, जो अबतक का सबसे बड़ा सम्मेलन होगा। इसी अवधि में न्यूनतम 3 लाख करोड़ का भूमि पूजन समारोह भी कराने की तैयारी है। निवेशकों की सुविधा और निवेश को जमीन पर उतारने के लिए सुनियोजित रणनीति के साथ काम हो रहा है। इसमें दिग्गज प्रोफेशनल्स की सेवाएं ली जा रही हैं। – प्रथमेश कुमार, सीईओ, इन्वेस्ट यूपी