पहाड़ों पर बारिश और विभिन्न बैराजों से छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना विकराल रूप धारण कर रही है। अगले 24 घंटों में बाढ़ की आशंका है। बृहस्पतिवार शाम वॉटर वर्क्स पर जलस्तर चेतावनी के स्तर से साढ़े आठ इंच अधिक यानी 495.7 फीट पर पहुंच गया। यमुना किनारे स्थित संरक्षित स्मारक एत्माद्दौला के पिछले हिस्से में बने 12 कमरों में पानी भर गया है। बल्केश्वर में पार्वती घाट डूब गया। मोक्षधाम में तीन दिन से पानी भरने के कारण दाह संस्कार प्रभावित हैं।
हथिनीकुंड बैराज से 17 अगस्त शाम चार बजे छोड़ा गया 1.78 लाख क्यूसेक पानी बृहस्पतिवार को आगरा पहुंच गया, जिससे यमुना उफान पर आ गई। चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही यमुना में पिछले 24 घंटे में चार इंच जलस्तर बढ़ा है। एहतियात के तौर पर डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बृहस्पतिवार दोपहर एक बजे संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। अगले दो दिन यानी 23 अगस्त तक यमुना में नाव चलाने पर रोक लगा दी गई है।
ताजगंज स्थित मोक्षधाम पर तीन दिन से पानी भरा है, जिससे खुले में दाह संस्कार करने में लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अन्य स्थानों पर लोग दाह संस्कार को मजबूर हैं। इसके अलावा ताजमहल के दशहरा घाट तक पानी पहुंच गया है। ताजमहल के पीछे बने पार्क में पानी भर गया है। जलस्तर और बढ़ने पर यमुना ताजमहल की पिछली दीवार को छू सकती है। ग्यारह सीढ़ी सहित कई स्मारक तक बाढ़ की आशंका है। कैलाश, स्वामीबाग, मनोहरपुर, बल्केश्वर, अनुराग नगर, पवन विहार व नदी के तटवर्ती 40 गांवों में बढ़ते जलस्तर से अफरातफरी का माहौल है।
यमुना किनारे स्थित संरक्षित स्मारक एत्माद्दौला के पिछले हिस्से में 15 से अधिक कमरे हैं, जिनके दरवाजे नदी की तरफ खुलते हैं। इन कमरों में चार फीट तक पानी भर गया है। 2023 में भी यह कमरे डूब गए थे। बाढ़ के पानी से संरक्षित स्मारक को नुकसान हुआ था। महताब बाग पर ताज व्यू प्वाइंट तक यमुना उफान मार रही है। जोहरा बाग का क्षतिग्रस्त हिस्सा भी यमुना में डूब रहा है। बल्केश्वर का पार्वती घाट 12 फीट पानी में डूबा है। घाट की सभी सीढि़यां डूब चुकी हैं। एक मंदिर में भी पानी भर गया। सुरक्षा की दृष्टि से यहां लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है।
बाह क्षेत्र की यमुना नदी में उफान जारी
बाह पिनाहट। हथिनीकुंड, ओखला एवं गोकुल बैराज से छोड़े गए पानी से बृहस्पतिवार को भी बाह क्षेत्र की यमुना नदी में उफान जारी रहा। बटेश्वर के घाट पर उफान की लहरें विकराल हो गई हैं। पश्चिमी छोर के घाटों के ऊपरी स्तर को छूकर नदी बह रही है। वहीं, पिढौरा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बलाई से गगनकी गांव जाने का रास्ता पानी भर जाने से बंद हो गया है।
मोटर बोट बंद
बटेश्वर के घाट पर बृहस्पतिवार को दूसरे दिन भी कल्यानपुर, भरतार गांव के लिए चलने वाली मोटर बोट बंद रही। नदी के उफान की कैद में आए दोनों गांवों के लोगों परेशान हैं। वहीं, यमुना नदी के उफान से बाह के 35 गांव प्रभावित होते हैं। कछार के बाद तराई के खेतों में उफान के पानी के चलते बाजरा, तिल और सब्जी की फसलें डूब गई हैं। उफान का पानी बड़ापुरा, गगनकी, रामपुर चंद्रसेनी, विक्रमपुर कछार, विक्रमपुर घाट, चरीथा, बाग गुढि़याना, कचौरा घाट, पुरा चतुर्भुज गांव तक पहुंच गया है। नदी से जुड़ने वाले खादरों तक नदी का पानी भर गया है।