ये देश इस बार ओलंपिक में नहीं लेगा भाग, 65 देशों ने भी किया बायकाॅट#tosnews
जापान की राजधानी टोक्यो में 23 जुलाई से होने वाले ओलंपिक खेलों के आयोजनों की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है। कोरोना वायरस के अटैक की वजह से टोक्यो ओलंपिक पहले ही साल भर लेट हो रहे हैं। आपको बता दें कि टोक्यो में होने जा रहे ओलंपिक का आयोजन 2020 में होना था। #tosnews
अब नॉर्थ कोरिया ने कोरोना वायरस की वजह से अपनी टीम को टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने से रोक दिया है। नॉर्थ कोरिया की स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर दिए ताज़ा बयान के अनुसार ओलंपिक समिति ने खिलाड़ियों की सुरक्षा को सर्वोपरी देखते हुए इस साल खेलों के महाकुम्भ में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। हालांकि जापान ओलंपिक समिति की मंत्री तमायो ने पत्रकारों से कहा है कि उन्हें इस बात की पुष्टि का अभी इंतज़ार है। 1988 के कोल्ड वार के बाद ये पहला मौका होगा जब नॉर्थ कोरिया इस आयोजन का हिस्सा नहीं होगा। #tosnews
नॉर्थ कोरिया ऐसा करने वाला पहला देश नहीं #tosnews
इस वैश्विक महामारी की वजह से नॉर्थ कोरिया के हिस्सा न लेने से पहले कनाडा ने भी ओलंपिक में अपनी टीम भेजने से मना कर दिया था। कनाडा की ओलंपिक समिति ने मार्च में ही समर और पैरा ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने से मना कर दिया था। इसी के साथ उन्होंने इंटरनेशनल ओलंपिक समिति से टोक्यो ओलंपिक स्थगित करने की मांग भी की थी। #tosnews
ओलंपिक के इतिहास में पहले भी इन देशों ने लिए है अपने नाम वापिस #tosnews
टोक्यो ओलम्पिक में नॉर्थ कोरिया और कनाडा जैसे देशों के नाम वापिस लेने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी राजनीतिक या अन्य किसी और कारणों से कई बार देशों ने ओलंपिक में हिस्सा लेने से मना कर दिया है। 1936 के बर्लिन ओलंपिक में आयरलैंड ने भी इन खेलों में शामिल होने से मना कर दिया था क्योंकि इंटरनैशनल ओलंपिक समिति (IOC) ने आयरलैंड को स्वतंत्र राज्य के रूप में हिस्सा लेने से मना कर दिया था। साल 1956 के मेलबर्न ओलंपिक का स्विटरलैंड, नीदरलैंड और स्पेन ने बहिष्कार किया था। इन देशों ने हंगरी में हुए विद्रोह में सोवियत संघ के हस्तछेप के विरोध में ओलंपिक खेलों का बायकाट किया था। इसके अलावा स्वेज नहर विवाद के कारण मिश्र, इराक, लेबनान और कंबोडिया देशों ने भी मेलबर्न ओलंपिक्स में हिस्सा नहीं लिया था। 1964 टोक्यो ओलंपिक में IOC ने साउथ अफ्रीका पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। ईरान 1980 और 1984 लगातार दो बार ओलंपिक में हिस्सा न लेने वाला एक मात्र देश है। #tosnews
कोल्ड वार के चलते कई देशों ने 1980 और 1984 के समर ओलंपिक में हिस्सा नहीं लिए था। सोवियत संघ के अफ़ग़ानिस्तान से जंग लड़ने की वजह से 65 देशों ने मास्को ओलंपिक्स का विरोध किया था। साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक्स का तिब्बत ने भी विरोध किया था और उसका हिस्सा नहीं बना था। #tosnews
ऋषभ वर्मा