राजस्थान के अजमेर में एक ऐसा मुस्लिम गौ सेवक है जो अब तक 12 हजार से ज्यादा गायों की जान बचा चुका है। वह पिछले कई सालों से गाय की सेवा कर रहा है। पूरा गांव उनका सहयोग कर रहा है।
एक हिंदी अखबार की वेबसाइट के अनुसार जोधपुर के पास भुजावर गांव के रहने वाले डॉ. आफताब अहमद की। इन दिनों डॉ. आफताब अजमेर के खरखेड़ी में एक निजी स्वयंसेवी संस्था में गोसेवा में जुटे हैं। दरअसल डॉ. आफताब ने वर्ष 2005 में बीकानेर कॉलेज ऑफ वेटरनरी एंड एनीमल्स साइंस से पशु चिकित्सक की डिग्री हासिल की है।
वे बताते हैं कि डिग्री लेने के बाद अपने गांव में सबसे पहले मारवाड़ मुस्लिम आदर्श गोशाला की स्थापना की थी, जो आज तक संचालित है। गांव में समाज के लोग उसकी उसे चला रहे हैं। यह गोशाला दुनिया की पहली मुस्लिम गोशाला है। इसके बाद जोधपुर में एक निजी संस्था के साथ काम किया।
यह संस्था पशुओं के लिए मोबाइल क्लीनिक ऑपरेट करता था। कई बार ऐसे मौके मिले जब घर-घर जाकर, दूरदराज के गांवों में जाकर गायों का ट्रीटमेंट किया। हजारों गाय की जान बचाई है। यह क्रम चलता रहा, जो आज तक जारी है। पिछले 4 साल से डॉ. आफताब खरखेड़ी के ट्रीज ऑफ लाइफ फॉर एनीमल्स संस्था में सेवाएं दे रहे हैं।
डॉ. आफताब का परिवार उच्च शिक्षित है, उनके चाचा डॉ. रियाज अहमद इंग्लैंड के जाने-माने अस्थिरोग विशेषज्ञ हैं। जबकि एक भाई MD मेडिसिन है और दूसरा भाई मनोचिकित्सक है। वहीं बहन स्त्री रोग विशेषज्ञ है। यही नहीं खानदान में और भी कई MBBS और BDS चिकित्सक हैं।
डॉ. आफताब बताते हैं कि घर-परिवार में एमबीबीएस बीडीएस डॉक्टर्स तो काफी हैं, लेकिन पशु चिकित्सक कोई नहीं था। इस कारण MBBS और BDS दोनों के लिए चयन होने के बावजूद पशु चिकित्सा को चुना और गौ सेवा में जुट गया। वहां डेयरी में काम करके पशुओं की पर्सनल हाइजीन को बारीकी से सीखा था, जिसका आज तक बखूबी ध्यान रखा जा रहा है।