उत्तर प्रदेश सरकार ने संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में वृद्धि का निर्णय लिया है। संस्कृत की पढ़ाई करने वाले इन छात्रों की छात्रवृत्ति 24 साल बाद बढ़ाई गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार शाम मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्रदेश में संस्कृत विद्यालयों/महाविद्यालयों में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए वर्ष 2001 से लागू वर्तमान छात्रवृति दरों में संशोधन / वृद्धि के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
बता दें कि मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 14 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें 13 को मंत्रिमंडल से अनुमोदन प्राप्त हो गया। माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने बताया कि इसके अंतर्गत प्रथमा की कक्षा छह एवं सात के लिए 50 रुपये प्रतिमाह और कक्षा आठ के लिए 75 रुपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति निर्धारित की गई है। पूर्व मध्यमा (कक्षा 9वीं और 10वीं) के लिए 100 रुपये, उत्तर मध्यमा (कक्षा 11वीं और 12वीं) के लिए 150 रुपये, शास्त्री के लिए 200 रुपये एवं आचार्य के लिए 250 रुपये प्रति माह दिए जाने के प्रस्ताव पर मंत्रिपरिषद ने अनुमोदन प्रदान किया। माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि संस्कृत की शिक्षा ग्रहण करने वाले ज्यादातर छात्र और छात्राएं निर्धन परिवारों से होते हैं। इसलिए संस्कृत शिक्षा के अंतर्गत छात्रवृत्ति की व्यवस्था की गई है।
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