रसभरी एक ऐसा फल है जो जंगली घास के बीच अपने आप ही उग जाता है। इसकी खेती करने की जरूरत नहीं पड़ती है। रसभरी औषधीय गुणों से भरपूर है। यह खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है उतनी ही सेहत के लिए भी फायदेमंद है।
हड्डियां: अगर आप हड्डियों से जुड़ी समस्या से परेशान हैं तो रसभरी आपकी मदद कर सकती है। इसमें पेक्टिन होता है जो शरीर में कैल्शियम और फॉस्फॉरस की सही मात्रा बनाए रखता है।
लिवर और किडनी: फाइब्रोसिस, ऐसा रोग है जिसमें लिवर व किडनी में रेशे पनप जाते हैं। शोध से साबित हुआ है कि रसभरी का उपयोग न केवल इन रोगों से लड़ता है बल्कि इनसे बचाता भी है।
ऐंटीऑक्सिडेंट: रसभरी का उपयोग लिवर के रोगों में, मलेरिया, अस्थमा, त्वचा रोग में किया जाता है। शोध प्रमाणित करते हैं कि रसभरी में ऐंटीऑक्सिडेंटस होने के कारण ही इन बीमारियों से लड़ने में इसका इस्तेमाल होता है।
आर्थराइटिस: नियासिन या विटमिन B3 खून को हर अंग में ले जाने में मदद करता है। जब हर अंग में खून सही तरीके से पहुंचेगा तो आर्थराइटिस जैसा रोग पनपेगा ही नहीं। ऐसे में रसभरी खाने से बॉडी के हर पार्ट में खून पहुंचने में मदद मिलती है।
आंखों के लिए: रसभरी में विटमिन ए अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसे रोजाना खाने में शामिल करने से ये शरीर में 14 प्रतिशत तक विटमिन ए की आपूर्ति कर देता है। इसको खाने से आंखों से जुड़ी बीमारियों से बच सकते हैं।