राम मंदिर के साथ दिव्य उपनगरी भी विकसित होगी। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से मंदिर निर्माण के साथ 70 एकड़ के परिसर में दिव्य नगरी का खाका खिंच कर तैयार है और मंदिर निर्माण की शुरुआत के ही साथ दिव्य उपनगरी का निर्माण भी शुरू होगा। यह उपनगरी 161 फीट ऊंचे, 318 स्तंभों तथा छह शिखरों वाले राम मंदिर के साथ सत्संग भवन, रामकथा पर केंद्रित लेजर शो प्रदर्शन के लिए हनुमंत मुक्ताकाश, विशाल भोजनागार तथा सत्संग भवन से सज्जित होगी।
परिसर में एक लाख लोगों के लिए आवासीय संसाधन-प्रसाधन की व्यवस्था भी सुनिश्चित करायी जायेगी। नागरिक सुविधा की दृष्टि से उपनगरी सेंट्रलाइज वाटर फिल्टर प्लांट, मल्टी लेवल पार्किंग एवं ऊर्जा की आपूर्ति के लिए सोलर पैनल से सज्जित होगी और संपूर्ण उपनगरी सौर ऊर्जा से जगमगायेगी। उपनगरी में मनोहारी पार्क विकसित करने के साथ ग्रीन बेल्ट का भी पूरा ध्यान रखा जायेगा।

सीता रसोई और शेषावतार मंदिर का भी होगा निर्माण
रामजन्मभूमि के अलावा त्रेतायुगीन अन्य पौराणिक धरोहरें भी जीवंत की जाएंगी। उपनगरी की योजना में रामजन्मभूमि के ठीक उत्तर में सीता रसोई तथा दक्षिण दिशा में कुछ फासले पर शेषावतार का मंदिर लगभग उसी भौगोलिक अवस्थिति में विकसित किया जायेगा, जहां वे पारंपरिक रूप से थे। त्रेतायुगीन अंगद टीला को भी विकसित किये जाने के साथ उपनगरी हनुमत एवं अंगद द्वार से सज्जित-रक्षित होगी।
यहां से होगा हनुमानगढ़ी का दर्शन
रामलला के नृत्य एवं रंगमंडप से सीधे हनुमानगढ़ी का दर्शन होगा। मान्यता है कि त्रेता में यहीं हनुमान जी की सुरक्षा चौकी स्थापित थी और यहां से हनुमानगढ़ी के दर्शन के साथ रामलला की हनुमान जी से निकटता का भाव भी व्यंजित होगा।
पंचदेव मंदिर का भी होगा निर्माण
छह एकड़ के परिसर में राममंदिर के साथ परिक्रमा मार्ग एवं पंचदेव मंदिर का भी निर्माण होगा। इसे उपनगरी के केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा। उपनगरी की परिधि पर सुरक्षा की दृष्टि से भी प्रचुर मात्रा में भू नियोजन किया गया है।
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