एक रिसर्च के मुताबिक मनोरोगी व्यक्ति पॉर्न तस्वीरों, वीडियो को ऑनलाइन शेयर कर सकता है. ऐसा व्यक्ति किसी तरह का बदला लेने के लिए प्राइवेट चीजों को ऑनलाइन शेयर करने में नहीं सोचता. स्टडी के मुताबिक ऐसे व्यक्ति ज्यादातर इंपल्शन का शिकार होते हैं, और इनमें सहानुभूति की कमी होती है. ये रिसर्च 18 से 54 एज ग्रुप के 100 युवाओं के बीच की गई.
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 ब्रिटेन की केंट यूनिवर्सिटी में की गई रिसर्च में इसे रिवेंज पॉर्न कहा गया है. शोध विश्वविद्यालय के एफ्रोडिटी पिना की लीडरशिप में किया गया. इसे ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ टेक्नोएथिक्स’ में पब्लिश किया गया है. रिसर्च के मुताबिक रिवेंज पॉर्न डालने और मनोरोगों के बीच कनेक्शन होता है. रिसर्च कहती है कि जब कोई बदला लेने के लिए निजी पलों की सेक्स संबंधी तस्वीरें/वीडियो वगैरह दूसरे व्यक्ति के साथ या फेसबुक जैसी सोशल वेबसाइटों पर शेयर करता है, तो उसे रिवेंज पोर्न कहते हैं.
ब्रिटेन की केंट यूनिवर्सिटी में की गई रिसर्च में इसे रिवेंज पॉर्न कहा गया है. शोध विश्वविद्यालय के एफ्रोडिटी पिना की लीडरशिप में किया गया. इसे ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ टेक्नोएथिक्स’ में पब्लिश किया गया है. रिसर्च के मुताबिक रिवेंज पॉर्न डालने और मनोरोगों के बीच कनेक्शन होता है. रिसर्च कहती है कि जब कोई बदला लेने के लिए निजी पलों की सेक्स संबंधी तस्वीरें/वीडियो वगैरह दूसरे व्यक्ति के साथ या फेसबुक जैसी सोशल वेबसाइटों पर शेयर करता है, तो उसे रिवेंज पोर्न कहते हैं.
ये लोग शामिल होते हैं रिवेंज पॉर्न में
रिसर्च के मुताबिक मनोरोगियों के रिवेंज पॉर्न में शामिल होने की अधिक संभावना होती है. अपनी रिसर्च में केंट यूनिवर्सिटी के एफ्रोडिटी पिना ने पाया कि ज्यादातर लोग बदला लेने के लिए पॉर्न तस्वीरें डालने का समर्थन करते हैं. स्टडी के दायरे में 18 से 54 एज ग्रुप के 100 वयस्कों को शामिल गया था. हालांकि स्टडी में शामिल पार्टिसिपेंट्स में से केवल 29 फीसदी लोगों ने कहा कि वे बदला लेने के लिए अश्लील चीजों से जुड़ेंगे, वहीं, 87 फीसदी लोगों ने रिवेंज पोर्न को लेकर थोड़ा झुकाव भी दिखाया.
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