वायु प्रदूषण खासकर सूक्ष्म पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का बढ़ा स्तर पुरुषों में बांझपन ला सकता है। यही नहीं इससे शुक्राणुओं की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है। एक नए अध्ययन से इसका खुलासा हुआ है।

हांगकांग की चाइनीज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने लोगों के स्वास्थ्य पर पीएम 2.5 के लंबे समय तक संपर्क में रहने के प्रभावों का अध्ययन किया। वैज्ञानिकों ने पाया कि पीएम 2.5 के संपर्क में आने और शुक्राणु के असामान्य आकार के बीच एक मजबूत संबंध होता है। इस अध्ययन में 14 से 49 साल के करीब 6500 पुरुषों को शामिल किया गया था।