अनवरगंज-कासगंज रेल रूट पर नारामऊ क्रासिंग के पास उस समय लोग सन्न रह गए, जब ट्रैक पर मालगाड़ी आने को थी और एक महिला पटरियों के बीच जाकर बैठ गई। लेकिन, पुलिस कर्मियों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए समय रहते उसकी जान बचा ली। पुलिस ने महिला की दर्दनाक दास्तां सुनी तो लोगों के दिल भी पसीज गए। इसके बाद पुलिस ने महिला को किसी तरह से घर भिजवाया और दोबारा ऐसा कदम न उठाने की ताकीद की।
बिठूर थाना क्षेत्र के चक रतनपुर नारामऊ निवासी महिला ने पुलिस को बताया कि पति की मृत्यु हो चुकी है। परिवार में दो बेटे और एक बेटी है, वह एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती थी। लॉकडाउन के समय नौकरी छूट गई और उसके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया। उसने कई जगह से उधार रुपया भी लिया लेकिन अब रिश्तेदारों ने भी सहयोग करने से मना कर दिया है। बच्चों को पालना मुश्किल हो रहा है था, ऐसे में उसने आत्महत्या करने का फैसला लिया। बच्चों को घर में छोड़कर वह सोमवार की रात करीब 11:30 बजे नरामऊ क्रॉसिंग पर आत्महत्या करने के लिए पहुंच गई।
रात में मालगाड़ी आने का समय हो रहा था और नानामऊ क्रासिंग के गेट मैन ने ट्रैक पर महिला को बैठे देखा तो सन्न रह गया। आसपास लोगों को जानकारी दी और महिला को ट्रैक से हटाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानी। गेटमैन की सूचना पर पीआरवी में तैनात उदय प्रताप निखिल और राजेश सिंह महज 8 मिनट में पहुंच गये। आत्महत्या के लिए जिद कर रही महिला को पुलिस ने समझाने का प्रयास किया। इस बीच मालगाड़ी सामने आ गई तो पुलिस कर्मियों के कहने पर गेटमैन ने तत्परता दिखाते हुए सिग्नल लाल कर दिया और मालगाड़ी रुक गई। इस तरह सूझबूझ से महिला की जान बचाई जा सकी। बाद में पुलिस कर्मियों ने किसी तरह उसके घर का पता लगाया और बच्चों को लेकर आए। बच्चों को देखकर महिला ने आत्महत्या करने का फैसला टाल दिया और पुलिस ने उसे घर पहुंचाया।