रोहिंग्या मामले में गृह मंत्रालय ने बेहद सख्त रवैया अख्तियार करते हुए सीमा सुरक्षा बल को दो टूक संदेश दिया है। गृह मंत्रालय ने बीएसएफ को सख्ती बरतने के निर्देश देते हुए कहा है कि अब एक भी रोहिंग्या का भारत की सीमा में अवैध रूप से प्रवेश नहीं होना चाहिए। सूत्र बताते हैं कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह के निर्देश के बाद गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों की ओर से बीएसएफ के डीजी को रोहिंग्या मामले में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि रोहिंग्या के मामले में राजनाथ थोडी भी नरमी बरतने के मूड़ में नहीं हैं। J&K: महबूबा मुफ्ती छठी बार बनीं पीडीपी की अध्यक्ष
पाक-बांग्लादेश सीमा पर विशेष निगरानी के निर्देश
रोहिंग्या मामले में गृह मंत्रालय ने बीएसफ को बांग्लादेश के अलावा पाक और नेपाल सीमा पर भी विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। गृह मंत्रालय का आंकलन है कि बांग्लादेश में नौ से दस लाख रोहिंग्या मुसलमान हैं, जिनकी भारत आने की संभावना हमेशा बनी रहती है। म्यांमार संकट के बाद रोहिंग्या संकट बढ़ा हुआ है।
बांग्लादेश में भी रोहिंग्याओं को अभाव का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच ऐसे भी कुछ संगठन और एजेंट हैं जोकि रोहिंग्याओं को लालच देकर भारत में ला रहे हैं। अब खुफिया विभाग की नजर ऐसे नेटवर्कों पर भी हैं जोकि रोहिंग्याओं को भारत में प्रवेश कराने के खेल में शामिल हैं।
बीएसफ ने अवैध रूप से घुस रहे 87 रोहिंग्याओं को पकड़ा
इस बीच बीएसएफ डीजी केके शर्मा ने बताया की भारत-बांग्लादेश सीमा पर इस साल की शुरुआत से लेकर 31 अक्टूबर तक अवैध रूप से घुस आए 87 रोहिंग्या मुसलमानों को पकड़ा है और इनमें से 76 रोहिंग्या को वापस लौटा दिया गया है। शर्मा का कहना है कि रोहिंग्याओं से पूछताछ में पता चला है कि बांग्लादेश के शिविरों में आम सुविधाएं न होने से ये नाख़ुश थे। इसलिए यह लोग वहां नहीं रहना चाहते थे।
भारत के अलग-अलग राज्यों में बसे रोहिंग्याओं की संख्या करीब 36000 है। बीएसफ प्रमुख ने कहा है कि भारत-बांग्लादेश के दुर्गम क्षेत्रों में हम स्मार्ट-फेंसिंग लगाने जा रहे हैं। जोकि घुसपैठ रोकने में मददगार साबित होगी। उन्होंने गृह मंत्रालय से भारत-बांग्लादेश सीमा के लिए पांच अतिरिक्त बटालियनों की तैनाती की मांग की है।