मेडल के लिए लिए विवि में कुल 11 आवेदन आए थे। कुलपति प्रो. एसपी सिंह की अध्यक्षता वाली समिति ने साक्षात्कार के आधार पर बेस्ट कैडेट का चयन किया। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 12 जनवरी को यह मेडल दिया जाएगा।
समारोह में नंबर के आधार पर मिलने वाले मेडल की प्रोविजनल सूची पहले ही जारी की जा चुकी है। इस सूची पर 26 दिसंबर तक आपत्तियां मांगी गई हैं। आपत्तियों के निस्तारण के बाद 28 को अंतिम सूची जारी करने की बात कही गई है।
शनिवार को वाइस चांसलर्स मेडल के लिए साक्षात्कार हुए थे। पदकों के लिए 11 अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार किया था। एनसीसी का प्रमाणपत्र सभी के पास था, लेकिन नेशनल लेवल पर खेल में गोल्ड मेडल, क्लास में शत-प्रतिशत उपस्थिति और 70 फीसदी से ज्यादा नंबर किसी प्रतिभागी के नहीं थे।
इसी वजह से उसे इसका फायदा मिला। दीप्ति नई दिल्ली में एनसीसी के राष्ट्रीय शिविर में भी शामिल हो चुकी हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय ने शनिवार को वाइस चांसलर्स मेडल की घोषणा कर दी। डॉ. चक्रवर्ती और चांसलर्स सिल्वर और गोल्ड मेडल समेत सभी पदकों की घोषणा 28 दिसंबर को होनी है।
लविवि ने अभी तक डॉ. चक्रवर्ती मेडल के लिए साक्षात्कार की तारीख ही घोषित नहीं की है। ऐसे में निर्धारित तारीख पर मेडल सूची घोषित करना काफी मुश्किल काम होगा।
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चांसलर्स गोल्ड मेडल जीतने वाली दीप्ति पुरोहित अपने पापा की तरह डिफेंस में जाना चाहती हैं। दीप्ति के एकेडमिक रिकॉर्ड, एनसीसी सर्टिफिकेट और किक बॉक्सिंग में नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल देखकर एयरफोर्स जॉइन करने का उनका सपना सच होना कहीं से मुश्किल नहीं लगता है।
बीएससी पीसीएम की छात्रा दीप्ति कहती हैं कि एलयू में बेस्ट कैडेट चुने जाने के बाद उसका यह सपना और दृढ़ हो गया है। दीप्ति के पिता एलडी पुरोहित सेना में इंजीनियर, मां जानकी देवी गृहिणी है।