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Blast:लखनऊ के काकोरी मकान में जोरदार विस्फोट, तीन की मौत, देखिए तस्वीरें!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के काकोरी के आईआईएम रोड से कुछ किलोमीटर दूरी पर स्थित सैथा गांव में सोमवार की सुबह एक मकान में जोरदार विस्फोट हुआ। मकान में अवैध रूप से एक पटाखा फैक्ट्री संचालित हो रही थी। विस्फोट इतना भयानक था कि मकान जमीदोज हो गया, जबकि उसके बगल में स्थित एक नमकीन फैक्ट्री भी ढह गयी। मकान में विस्फोट होने से उसमें मौजूद एक पटाखा विक्रेता और उसकी बेटी शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गये। वहीं नमकीन फैक्ट्री में काम करने वाले एक मजदूर की भी छत ढहने से दबकर मौत हो गयी,जबकि तीन अन्य मजदूर घायल हो गये। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


सीओ मलिहाबाद संतोष सिंह ने बताया कि काकोरी के सैथा गांव में संजय लोधी का एक मकान है। संजय ने अपने मकान को ठाकुरगंज के फरीदीपुर गांव निवासी नसीर को 7 माह पहले 700 रुपये प्रतिमाह पर किराये पर दिया था। बताया जाता है कि सोमवार की सुबह नसीर किराये के मकान में अपनी बेटी नसरीन के साथ मौजूद था।

सुबह करीब 10 बजे अचानक नसीर के मकान में जोरदार विस्फोट हुआ। विस्फोट इतना भयानक था कि नसीर का पूरा मकान जमीनदोज हो गया। वहीं धमाके की वजह से पास ही ही स्थित संजय के चचेरे भाई सूरज पाल की नमकीन की फैक्ट्री छत सहित ढह गयी। अचानक हुई इस घटना से पूरे इलाके मेें अफरा-तफरी मच गयी। गांव के लोग जब तेज धमाके की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे तो मंजर देख सन्न रहे गये। संजय का पूरा मकान ढह चुका था, जबकि सूरज की फैक्ट्री की छत और दीवार ढह गयी थी।

संजय के मकान में रहने वाले किरायेदार नसीर और उसकी बेटी नसरीन के शरीर के टुकड़े दूर तक फैले थे, जबकि नमकीन फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर बहराइच निवासी रामसरन, रामप्रसाद, खीरी निवासी विनोद और लालजी मलबे में दबे थे। विस्फोट की खबर मिलते ही मौके पर काकोरी पुलिस सबसे पहले पहुंची। पुलिस ने नमकीन फैक्ट्री के मलबे में दबे मजदूरों को किसी तरह बाहर निकाला और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान मजदूर रामसरन की मौत हो गयी।

वहीं पुलिस ने संजय के मकान और सूरज पाल की फैक्ट्री का मलबा हटाने के बाद तीन जेसीबी मशीनों को बुलाया। जेसीबी मशीनों ने जब संजय के मकान का मलबा हटाना शुरू किया तो मलबे में नसीर और उसकी बेटी नसरीन के शरीर के कुछ हिस्से मिले, जबकि कुछ हिस्से पुलिस वालों को काफी दूर खेत व सड़क पर मिले। विस्फोट की सूचना मिलते ही मौके पर एडीजी जोन राजीव कृष्ण, आईजी रेंज सुजीत पाण्डेय, एसएसपी दीपक कुमार, बम निरोधक दस्ता, डाग स्क्वायड, फारेंसिंक टीम और एटीएस के लोग पहुंच गये।

छानबीन के दौरान फारेंसिक की टीम और एटीएस के लोगों ने नसीर के घर से बारूद के कुछ नमूने जमा किये। पुलिस का कहना है कि अभी तक की गयी छानबीन में इस बात का पता चला है कि नसीर पटाखा बनाने का काम करता था। घर मेें विस्फोट पटाखे से हुआ है। फिलहाल नमूनों को पुलिस ने जांच के लिए भेज दिया है। जांच के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि मौके से मिला बारूद कैसा था।

धमाका इतना तेज था की कई किलोमीटर तक आवाज फैली
संजय लोधी के मकान में हुआ धमाका इतना तीव्रता का था कि उसकी आवाज कई किलोमीटर दूर तक लोगों को सुनायी पड़ी। धमाके की आवाज सुन जब लोग बाहर निकले तो उनको कुछ भी समझ में नहीं आया। कुछ देर के बाद लोगों को इस बात का पता चला कि धमाका सैथा गांव में संजय लोधी के मकान में हुआ है। गांव के लोगों ने बताया कि धमाके की आवाज बरावनकला और आईआईएम रोड तक लोगों को सुनायी दी थी।

दुकानों के शटर और मकान के खिड़की व दरवाजे हिले
घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर कई दुकानें और लोगों के घर बने हैं। इलाके के लोगों ने बताया कि जिस वक्त धमाका हुआ उस वक्त दुकान के शटर और मकानों में लगी खिड़कियां और दरवाजे हिलने लगे। किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरी हुआ क्या है। लोगों ने जब बाहर निकल कर देखा तो संजय लोधी के घर से धुएं का गुबार कई फुट ऊपर तक उठ रहा था। इसके बाद लोग दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे।

डर के चलते संजय के मकान के करीब नहीं गये लोग
गांव वालों ने बताया कि धमाके की आवाज सुनते ही वह लोग मौके पर तो पहुंचे गये पर संजय के मकान का मंजर देख वह लोग सहम गये। लोग समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर हुआ क्या है। लोगों में दहशत इतनी थी कि संजय के मकान के पास जाने से लोग डर रहे थे। कुछ देर के बाद काकोरी पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की तो लोगों मेें हिम्मत आयी और लोग संजय के मकान के करीब पहुंचे।

कई प्लाट की बाउंड्री वॉल भी गिरीं
ंसंजय लोधी के मकान में हुए धमाके की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आसपास के बने कुछ प्लाट की बाउंड्री वॉल तक तेज धमाके की वजह से ढह गयी। गांव वालों ने बताया कि तेज आवाज की वजह से आसपास मौजूद लोग सहम गये। वहीं पास में रहने वाले मनोज के घर की छत पर लगा सोलर पैनल भी धमाके की वजह से टूट गया।

कहीं मिला सिर तो कही मिला हाथ
संजय लोधी के मकान को किराये पर लेने वाले नसीर और उसकी बेटी नसरीन के शव की हालत यह थी कि उनके हाथ-पैर, सिर और धड़ अलग-अलग मिले। बताया जाता है कि दोनों के धड़ तो मकान में पाये गये, लेकिन हाथ, सिर और शरीर के बाकी हिस्सा कई मीटर दूर रोड और खेत में पड़े मिले।

किसी ने भूकम्प तो किसी ने प्लेन क्रैश समझा
घटनास्थल पर जुटे लोगों की बात सुनने कर इस बात का अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता था कि मंजर कितना भयानक रहा होगा। लोगों ने बताया कि उन लोगों को ऐसा लगा कि जैसे की भूकम्प आया हो। वहीं कुछ लोगों कह रहे थे कि उनको ऐसा अभास हुआ कि मानो आसमान से कोई हवाई-जहाज अचानक जमीन पर आकर गिरा हो।

नसीर के ठाकुरगंज घर से पुलिस को मिले पटाखे
इस घटना के बाद मौके पर पहुंचे आईजी सुजीत पाण्डेय ने फौरन इंस्पेक्टर दीपक दूबे को नसीर के ठाकुरगंज फरीदीपुर गांव भेज कर छानबीन के लिए कहा। आईजी का आदेश मिलते ही ठाकुरगंज पुलिस जब नसीर के घर पहुंची तो घर पर नसीर की पत्नी नहीं मिली। घर पर उसका बेटा मुकीम मौजूद था। मुकीम ने पुलिस को बताया कि उसके पिता नसीर लाइसेंसी आतिशबाज हैं। पुलिस ने नसीर के घर से काफी मात्रा में पटाखे बरामद किये। मुशीर ने पुलिस को बताया कि उसकी मां मौजूदा समय में शहर से बाहर गयी हैं। मुकीम बैण्ड बाजे का काम करता है। छानबीन के दौरान पुलिस को इस बात पता चला है कि आतिशबाज नसीर के पास 2017 तक लाइसेंस था। मौजूदा समय उनके पास पटाखा बनाने का कोई लाइसेंस नहीं था। वह अवैध रूप से पटाखा फैक्ट्री चला रहा था।

घटनास्थल पर लगी भीड़ से बढ़ीं पुलिस की मुश्किलें
मौके पर जब फारेंसिक, डाग स्क्वायड और एटीएस की टीम पहुंची थी तब तक घटनास्थल पर लोगों को हुजूम जमा हो चुका था। संजय लोधी और सूरज पाल के मकान के चोरों तरफ लोग ही लोग मौजूद थे। ऐसे में फारेंसिक, डाग स्क्वायड और एटीएस की टीम को छानबीन में करने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। काकोरी पुलिस ने कई बार भीड़ को वहां से हटाने की कोशिश की पर लोग पुलिस की बात सुनने के लिए राजी नहीं थे। कई बार तो पुलिस को सख्ती भी करनी पड़ी।

हाईटेक पुलिस के पास दस्ताने तक नहीं
आमतौर पर यूपी पुलिस को हाईटेक पुलिस कहा जाता है। पुलिस के अधिकारी भी हर तरह के उपकरण और टैक्नालाजी के प्रयोग के बारे में बात करते हैं, पर सोमवार को काकोरी के सैथा गांव में हुए विस्फोट के मौके पर राजधानी की हाईटेक पुलिस का अजीब चेहरा देखने को मिला। पुलिस के पास नसीर और उसकी बेटी नसरीन के शरीर के टुकड़े उठाने के लिए दस्ताने तक नहीं थे। काकोरी पुलिस के कुछ सिपाही हाथों में पन्नी पहन कर मांस के टुकड़े उठाते दिखे। सवाल यह उठने लगा कि इतनी गंभीर घटना पर पुलिस की इस तरह की कार्यशैली उसके हाईटेक होने पर सवाल उठाने लगती है। क्या स्थानीय पुलिस के पास छानबीन के लिए उचित संसाधन जैसे दस्ताने तक नहीं हैं। ऐसे में पुलिस के आलाधिकारियों का हाईटेक ढंग साक्ष्य संकलन और साइंटिफिक इंवेस्टीगेशन की बात करना मजाक जैसा लगता है।

क्या कहते हैं गांव के लोग
सैधा गांव में दिल को दहला देने वाली इस घटना के बाद लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चा थीं। कोई इस घटना को सिलेण्डर का विस्फोट, तो कोई पटाखे का धमाका और कोई बड़ी साजिश बता रहा था।
सैथा गांव निवासी शशिकांत राजपूत ने बताया कि जिस वक्त धमका हुआ वह घर पर ही मौजूद था। उसको लगा जैसे आतंकी वारदात हुई है। बाहर निकलने पर उसको घटना का सही पता चला। दुबग्गा निवासी अकील ने बताया कि उसको लोगों से इस घटना का पता चला तो वह भी वहां से सैथा गांव घटना देखने के लिए पहुंच गया। ठाकुरगंज के जैरलगंज निवासी मुन्ना का कहना है कि लोगों से घटना के बारे में सुनने के बाद उनको लोगों की बात पर यकीन नहीं हुआ तो वह खुद मौके पर असली बात जानने के लिए पहुंचा गया। वहीं बरावन कला की रहने वाली रामप्यारी कहती हैं कि घटना के वक्त वह घर का काम निपटा रहीं थी। धमाके की आवाज ने उनको डरा दिया। वह घर से बाहर निकली तो देखा कि लोग सैथा गांव की तरफ दौड़े जा रहे हैं, वह भी लोगों के पीछे-पीछे सैथा गांव पहुंच गयीं।

मौजूद और पूर्व सांसद भी घटनास्थल पहुंच
काकोरी के सैथा गांव में हुई इस घटना की खबर मिलते ही मौके पर मोहनलालगंज से भाजपा सांसद कौशल किशोर और सपा से पूर्व सांसद सुशील सरोज भी अपने समर्थकोंं के साथ पहुंचे। दोनों ने घटनास्थल पर मौजूद लोगों और पुलिस के अधिकारियों से बातचीत की और फिर वापस लौट गये।

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