राजधानी लखनऊ में बिजली विभाग के कुछ अधिकारियों पर मनमानी और भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप है। शिकायत मिलने पर अधिशासी अभियंता ने मामले में जांच कराकर रिपोर्ट अफसर को सौंप दी है।
मामला अमेठी उपकेंद्र का है, जहां बिना विभागीय अनुमति और एस्टीमेट के गोसाईगंज क्षेत्र निवासी रियल एस्टेट कारोबारी के गंगागंज इलाके में स्थित प्लॉट से 11 हजार वोल्ट की लाइन का पोल शिफ्ट कर दिया गया। आरोप है कि अवर अभियंता (जेई) ने कारोबारी से 42 हजार रुपये लेकर बिना किसी विभागीय अनुमोदन के संविदाकर्मियों के जरिये पोल हटवा दिया।
यही नहीं, रहमत नगर क्षेत्र में नियमों को नजरअंदाज करते हुए सौ मीटर से अधिक दूरी पर दो मकानों को बिजली कनेक्शन भी दे दिए गए। बताया गया कि जेई ने विभागीय प्रक्रिया के तहत एस्टीमेट तैयार करने के बजाय उपभोक्ताओं से सीधे पैसे लेकर पोल और तार लगवाकर कनेक्शन दे दिया।
अधिशासी अभियंता मोहनलालगंज श्रवण कुमार सिंह ने एसडीओ मोहनलालगंज आशुतोष कुमार व एसडीओ गोसाईंगंज चंद्रसेन पटेल की अगुवाई में दो सदस्यीय कमेटी से जांच कराई। अधिशासी अभियंता के मुताबिक, रिपोर्ट के आधार पर अमेठी उपकेंद्र के अवर अभियंता धीरज दीक्षित के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है।
बकाया बिजली बिल के बाद भी बहू के नाम पर दिया गया नया कनेक्शन
अमेठी उपकेंद्र से जुड़े संजय नगर के निवासी बृजेंद्र मैथ शुक्ला पर 97 हजार रुपये का बिजली बिल बकाया है। इस पर विभाग ने उनका कनेक्शन काट दिया था, लेकिन कुछ दिन बाद उसी मकान में उनकी बहू के नाम पर नया कनेक्शन दे दिया गया। अब इस मामले की भी जांच की जा रही है।
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