लखनऊ. यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की लैपटॉप योजना भी जांच के घेरे में आ गई है। आरटीआई में खुलासा हुआ है कि छात्र-छात्राओं में बांटे जाने के लिए करीब 15 लाख लैपटॉप मंगाए गए थे, लेकिन 8 लाख 70 हजार लैपटॉप गायब हैं। इनकी कीमत करीब 1173 करोड़ रुपए आंकी गई है।
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योजना के मुताबिक, एक लैपटॉप की कीमत 13490 रुपए बताई गई है। जानकारी के अनुसार, लेखक शांतनु गुप्ता ने अपनी किताब ‘उत्तर प्रदेश: विकास की प्रतीक्षा में’ लैपटॉप योजना का ब्यौरा देना चाह रहे थे। ऐसे में उन्होंनें आरटीआई डालकर विभाग से जानकारी मांगी। इसी दौरान आरटीआई में खुलासा हुआ कि 8 लाख 70 हजार लैपटॉप का कोई रिकॉर्ड सरकारी फाइलों में नहीं है। इसका मतलब साफ है कि ये लैपटॉप अधिकारियों की मिलीभगत से घोटाले की भेंट चढ़ गए।
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लैपटॉप वितरण का ब्यौरा – 38615 लैपटॉप भेजे गए, 16638 बंटे: आगरा – 20293 लैपटॉप भेजे गए, 1224 लैपटॉप बंटे: अलीगढ़ – 69395 लैपटॉप मंगाए गए, 20341 बंटे: इलाहबाद – 40177 लैपटॉप मंगाए गए, 7218 बंटे: अंबेडकरनगर – 13165 लैपटॉप पहुंचे, 3820 बंटे: अमेठी – 15782 लैपटॉप मंगाए गए, सिर्फ 4398 बंटे: बहराइच
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