लखनऊ , 18 नवम्बर । शनिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता को डायल 100 की सेवा का तोहफा देने जा रहे हैं। पुलिस विभाग का दावा है कि यूपी का यह आधुनिक डायल 100 पूरे देश का पहले ऐसा कंट्रोल रूम होगा जहां पर एक छत के नीचे सूचना आने, उसके निस्तारण व क्वालीटी कंट्रोल सब कुछ होगा। प्रदेश में बोली जाने वाली हर भाषा सहित विदेशी भाषा में इस कंट्रोल रूम पर शिकायत दर्ज की जा सकती है। सिर्फ इतना ही नहीं मूकबधिर लोग भी शिकायत के लिए अपना वीडियो इस कंट्रोल रूम पर भेज सकते हैं। फोन के अलावा, एसएमएस, ईमेल, वाट्सअप, टिवटर, व फेसबुक के माध्यम से भी इस कंट्रोल रूम पर कायत दर्ज करायी जा सकती है।
यूपी डायल 100 का मकसद है कि ग्रामीण इलाके में कंट्रोल रूम पर सूचना मिलते ही 20 मिनट के अंदर पुलिस मौके पर पहुंच जाये, वहीं शहरी इलाके में पुलिस के पहुंचने का समय 15 मिनट तय किया गया है। इस आधुनिक कंट्रोल केन्द्र में एक दिन में 2 लाख लोग कॉल कर सकेते हैं। एक साथ करीब 600 लोग इस कंट्रोल रूम पर बात कर सकेंगे। इस कंट्रोल रूम के दो अहम अंग है। पहला है संवाद और दूसरा है सम्प्रेक्षण। संवाद यूनिट में एक साथ 200 महिलाएं तैनात होगी जो शिकायतकर्ता की शिकायत सुनेगी। यह सभी महिलाएं पुलिस विभाग की नहीं बल्कि महिन्द्रा डीफेंस कम्पनी की कॉल टेकर होगी। इसके बाद शिकायतकर्ता की कॉल को वाइस रिकार्डिंग के साथ सम्प्रेक्षण यूनिट को ट्रांसफर कर दिया जायेगा। सम्प्रेक्षण यूनिट में तैनात पुलिसकर्मी शिकायतकर्ता की कॉल व उसकी शिकायत को उसके करीब मौजूद डायल 100 की गाड़ी को भेज देगी। डायल 100 की गाड़ी को शिकायत मिलते ही पुलिस की गाड़ी शिकायतकर्ता तक पहुंच जायेगी। प्रथम चरण में पूरे प्रदेश भर में 3200 चार पहिया वाहन पूरे पुलिस को दिये जा रहे हैं। इसमें 700 इनोवा गाडिय़ां और 2500 बुलेरो गाडिय़ां शामिल हैं। इन गाडिय़ोंं में जीपीएस से लेकर वायरलेस सेट तक मौजूद रहेगा। लखनऊ कंट्रोल रूम में बैठे पुलिस के अधिकारी रेडिया वायरलेस नेटवर्क की मदद से पूरे प्रदेश में मौजूद आधुनिक कंट्रोल रूम की गाड़ी से सीधे सम्पर्क कर सकेंगे। दूसरे चरण में कंट्रोल रूम को 1600 दो पहिया वाहन भी मिलेंगे। 2200 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया यह आधुनिक पुलिस कंट्रोल रूम देश का पहले सबसे हाईटेक कंट्रोल रूम होगा। इस कंट्रोल रूम में न सिर्फ शिकायत ही दर्ज होगी बल्कि शिकायतों के आधार पर यूपी में अपराध का डाटा भी तैयार किया जायेगा और उस पर कैसे रोक लगानी है इसकी भी तैयारी की जायेगी। शुक्रवार को प्रदेश के डीजीपी जावीद अहमद, प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पांडा, राज्य सरकार के लिए बतौर सलाहकार वेंकट चंगावली, एडीजी कानून-व्यवस्थ दलजीत चौधरी, एडीजी एटीएस अनिल अग्रवाल ने मीडिया को इस आधुनिक कंट्रोल रूम के बारे में पूरी जानकारी दी। डीजीपी ने बताया कि शनिवार को मुख्यमंत्री इस डायल 100 सेवा का उद्घाटन करेंगे और रात 8 बजे से पूरे प्रदेश में डायल 100 की नयी व्यवस्था चालू हो जायेगी।
जल्द ही फायर व एम्बुलेंस सेवा भी डायल 100 से जुड़ेगी
आने वाले समय में दमकल विभाग व एम्बुंलेस सेवा को भी डायल 100 की सेवा से जुड़ा जायेगा। इस कंट्रोल रूम के प्रभारी के तौरा पर काम कर रहे एडीजी अनिल अग्रवाल ने बताया कि डायल 100 का काम लोगों को हर तरह की सुविधा देना होगा। जल्द ही 101 व 108 सेवा को भी डायल 100 सेवा से जोड़ा जायेगा। इससे आग की सूचना मिलते ही फौरन डायल 100 की मदद से फायर बिग्रेड़ व पुलिस को मौके पर भेजा दिया जायेगा। ठीक इसी तरह एम्बुलेंस की जरुरत के लिए अगर कोई डायल 100 पर फोन करेगा तो उसको फौरन एम्बुलेंस भी मिल जायेगी।
डालय 100 का एप भी लोग कर सकते है डाउनलोड
लोगों की सुविधा के लिए बनाये गये इस कंट्रोल रूम का एक मोबाइल एप भी बनाया गया है। जिन लोगों के मोबाइल फोन पर इंटरनेट सेवा मौजूद है, वह लोग गुगल प्ले स्टोर से डायल 100 एप को डाउन लोड कर सकेते हैं। एप डाउनलोड होने के बाद उक्त व्यक्ति का नाम, पता व मोबाइल नम्बर कंट्रोल रूम में फीड हो जायेगा। उसके फोन करते ही उसकी पूरी डीटेल कम्प्यूटर स्क्रीन पर सामने आ जायेगी और पुलिस को उसकी लोकेशन पूछने की जरुरत नहीं पड़ेगी। इसी तरह एप डाउनलोड करने वाले पांच ऐसे स्थानों को भी रजिस्टर करा सकेते है, जहां पर उनको लगता है कि पुलिस की जरुरत पड़ सकती है, जैसे की अपना घर, अपना दफ्तर, बच्चे का स्कूल या फिर कोई और जगह। इन पांच स्थानों के रजिस्टर करने से पुलिस को इस बात का फायद मिलेगा कि अगर शिकायतकर्ता यह सूचना देता है कि उसके घर पर पुलिस की जरुरत है तो पुलिस को उसके घर का पता पूछने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, क्योंकि उसके घर की लोकेशन पहले से ही कंट्रोल रूम में फीड है।
डालय 100 के तहत लखनऊ पुलिस को 63 चार पहिया वाहन मिलेंगे। यह सभी वाहन एसएसपी के अंडर में होंगे। जिला का कप्तान इस बात का तय करेगा कि इन वाहनों को गश्त पर किन जगहां पर तैनात करना है। एडीजी अनिल अग्रवाल ने बताया कि डायल 100 के सभी वाहन चौबीसों घंटे मूवमेंट करते रहेेंगे।यूपी 32 डीजी—- होंगे सभी वाहनों के नम्बर
डायल 100 के सभी वाहनों के रजिस्ट्रेशन नम्बर के लिए ट्रांसपोट विभाग में अलग से एक सीरिज जारी की है। यह सीरिज है यूपी 32 डीजी होगी। यूपी 32 डीजी के बाद जो भी चार अन्य अंक होंगे वहीं चार अंक वाहन का आइडंटीट कोड भी होगा। वही कोड गाड़ी से चारों तरह लिखा होगा।
इलाहाबाद व नोएडा में होगा मिनी सेंटर
लखनऊ में डायल 100 कंट्रोल रूम की ही तर्ज पर यूपी के इलाहाबाद व नोएडा जनपद में डायल 100 के एक-एक मिनी सेंटर होंगे। अगर किसी कारणवश राजधानी का कंट्रोल रूम ठप पड़ता है तो लोगों की काम्ल इलाहाबाद व नोएडा के सेंटर पर भेज दी जायेंगी।
सेंस, रीच व सर्व होगा मकसद
राज्य सरकार के सलहाकार वंकेट चंगावली ने बताया कि इस आधुनिक कंट्रोल रूम को मोटिव होगा सेंस, रीच एण्ड सर्व। सेंस से मतलब है कि लोगों की शिकायत को सुनने के बाद उसको समझना। रीच का मतलब है कि शिकायत आने के बाद शिकायतकर्ता तक पुलिस को पहुंचना और सर्व का मतलब है कि शिकायकर्ता की हर संभव मदद करना।
कानपुर, लखनऊ का आधुनिक केन्द्र डायल 100 से जुड़ेगा
डीजीपी जावीद अहमद ने बताया कि मौजूदा समय में कानपुर, लखनऊ में आधुनिक कंट्रोल रूम अपना काम कर रहा है। डायल 100 के शुरू होने के बाद इन शहरों के कंट्रोल रूम को भी डायल 100 सेवा से जोड़ दिया जायेगा। इससे यहां के स्टाफ व वाहनों का भी प्रयोग डायल 100 सेवा के लिए किया जायेगा।
दिन में एक व रात में दो रिवाल्वर गाड़ी में रहेगी
डीजीपी जावीद अहमद ने बताया कि डायल 100 की गाडिय़ों में तैनात पुलिस कर्मियों के पास दिन मेें एक रिवाल्वर और रात को दो रिवाल्वर मौजूद रहेगी।