कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस साल 3.5 लाख से अधिक मतों के अंतर से वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल की थी। हालांकि वह रायबरेली लोकसभा सीट पर भी जीते थे, जिसके बाद वायनाड की सीट खाली हो गई थी। इसलिए अब यहां उपचुनाव हो रहे हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस साल 3.5 लाख से अधिक मतों के अंतर से वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल की थी। हालांकि वह रायबरेली लोकसभा सीट पर भी जीते थे, जिसके बाद वायनाड की सीट खाली हो गई थी। इसलिए अब यहां उपचुनाव हो रहे हैं।
देशभर के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज है। वहीं, केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है। इस सीट पर सबकी निगाहें इसलिए भी हैं, क्योंकि यहां कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी वाड्रा चुनावी मैदान में हैं। राहुल गांधी की बहन वाड्रा, भाकपा के सत्यन मोकेरी और भाजपा की नव्या हरिदास समेत कुल 16 उम्मीदवारों की किस्मत करीब 14 लाख मतदाताओं के हाथ में है।
कैसे सीट हुई खाली?
बता दें, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस साल 3.5 लाख से अधिक मतों के अंतर से वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल की थी। हालांकि वह रायबरेली लोकसभा सीट पर भी जीते थे, जिसके बाद वायनाड की सीट खाली हो गई थी। इसलिए अब यहां उपचुनाव हो रहे हैं। कांग्रेस की योजना जहां राहुल की बहन प्रियंका गांधी को मैदान में उतारकर यूडीएफ का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट को बरकरार रखने की है। वहीं भाकपा और भाजपा इस पहाड़ी सीट को कांग्रेस से छीनने की उम्मीद कर रही हैं।
प्रियंका गांधी पहली बार चुनावी मैदान में
पहाड़ी निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को तीनों प्रमुख राजनीतिक मोर्चों द्वारा रोड शो देखा गया, जिसमें राहुल अपनी बहन के लिए समर्थन जुटाने के लिए व्यक्तिगत रूप से दिखाई दिए। बता दें, प्रियंका गांधी पहली बार चुनावी मैदान में उतरी हैं। कांग्रेस वायनाड से सांसद के रूप में राहुल के 2019 से 2024 तक के कार्यकाल और वायनाड के लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता पर भरोसा कर रही है।
एलडीएफ और भाजपा के निशाने पर कांग्रेस
दूसरी ओर, एलडीएफ और भाजपा दोनों ही आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस नेता ने जीत के बाद जनता की राय को अपने पक्ष में करने के लिए निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दिया। वहीं, प्रियंका गांधी वाड्रा ने दावा किया था कि वह नियमित रूप से वायनाड आएंगी जब तक कि लोग उन्हें दूर रहने के लिए नहीं कहते। इसी दावे को खारिज करते हुए एलडीएफ और भाजपा ने यह भी तर्क दिया कि अगर वह जीतती हैं तो अपने भाई की तरह शायद ही कभी निर्वाचन क्षेत्र में दिखाई देंगी।
13 नवंबर को होना है उपचुनाव
इस बीच, निर्वाचन क्षेत्र में बढ़-चढ़कर तैयारी की गई है। यहां 13 नवंबर को उपचुनाव होना है। वायनाड लोकसभा सीट के अंतर्गत सात विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें वायनाड जिले की मनंथवाडी (सुलथन बाथेरी), कलपेट्टा और मनंथवाडी (सुलथवडी) शामिल हैं। कोझिकोड जिले में तिरुवंबाडी और मलप्पुरम जिले में इरनाड, नीलांबुर और वंडूर हैं।
जिला प्रशासनों के अनुसार, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सशस्त्र पुलिस बटालियन की कई कंपनियों को सात विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात किया गया है। समूचे निर्वाचन क्षेत्र में 1,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर मतदान कराया जाएगा। उन स्थानों पर विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं, जहां माओवादी मौजूद हैं।
पुलिस प्रशासन सख्त
मलप्पुरम जिला प्रशासन ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से पुलिस ने जिले से 13.1729 किलोग्राम गांजा, 76.25 ग्राम एमडीएमए, 30 लीटर भारत निर्मित विदेशी शराब, 50,98,300 रुपये नकद और 719.8 ग्राम सोना जब्त किया है। इसके अलावा, नीलांबुर पुलिस थाना सीमा से एक देसी बंदूक और 12 गोलियां जब्त की गईं। वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी।
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