इन गलतियों से सपना ही रह जाएगा धनवान बनना
धनवान बनने की चाहत हर किसी की होती है लेकिन चाहत को हकीकत में बदलना चाहते हैं तो वास्तु शास्त्र में बताए गए कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। शास्त्र में कहा गया है कि अगर आप यह सात गलतियां करते हैं तो जीवन में आपकी चाहत केवल चाहत ही बनकर रह जाएगी। आपके घर में कभी भी बरकत नहीं हो पाएगी। आइए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार, वह ऐसी कौन सी सात गलतियां हैं, जो कभी नहीं करनी चाहिए…
किचन में ना हो शीशा
वास्तु विज्ञान के अनुसार, किचन में कभी भी शीशा ना लगाएं। अगर आपके किचन में शीशा है तो उसे तुंरत निकाल दें। इससे कभी भी घर में बरकत नहीं होती।
कांटेदार पौधे ना हो
घर में कभी भी कांटेदार पौधे ना लगाएं, ऐसा करने से घर के साथ-साथ जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।
बिना प्रयोग की वस्तुएं ना रखें
वास्तु के अनुसार, घर में बिना प्रयोग वाली वस्तुएं जैसे- खाली पलंग, टूटा शीशा, रुकी हुई घड़ी, जंग लगा हुआ लोहे का सामान आदि को ना रखें। यह चीजें हमेशा आपको धनवान बनने से रोकती हैं।
अतिथियों को ना ठहराएं नैऋत्य कोण में
घर का किरायेदार हो या अतिथी, वास्तु के अनुसार इन्हें कभी भी नैऋत्य कोण में कभी भी ना ठहराएं। नैऋत्य कोण: दक्षिण और पश्चिम दिशा के मध्य के स्थान को नैऋत्य दिशा का नाम दिया गया है। इस दिशा पर निरूति या पूतना का आधिपत्य है। ज्योतिष के अनुसार राहू और केतु इस दिशा के स्वामी हैं।
सीढ़ियों के नीचे ना हो शौचालय
वास्तु विज्ञान के अनुसार, घर की सीढ़ियों के नीचे कभी भी शौचालय, पूजा घर और किचन नहीं होना चाहिए। अगर आपके यहां पहले से बना हुआ है तो जगह को बदल दें। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि घर के ईशान कोण में सीढ़ियां ना हों।
ईशान कोण: पूर्व और उत्तर दिशाएं जहां पर मिलती हैं उस स्थान को ईशान कोण की संज्ञा दी गई है। यह दो दिशाओं का सर्वोतम मिलन स्थान है। यह स्थान भगवान शिव और जल का स्थान भी माना गया है। ईशान को सदैव स्वच्छ और शुद्ध रखना चाहिए।
ईशान कोण: पूर्व और उत्तर दिशाएं जहां पर मिलती हैं उस स्थान को ईशान कोण की संज्ञा दी गई है। यह दो दिशाओं का सर्वोतम मिलन स्थान है। यह स्थान भगवान शिव और जल का स्थान भी माना गया है। ईशान को सदैव स्वच्छ और शुद्ध रखना चाहिए।
आग्नेय कोण में लगाएं बल्ब
वास्तु के अनुसार, यदि आग्नेय कोण में रसोई घर नहीं है तो उस स्थान की दीवार पर लाल बल्ब जलाएं। यह आपकी गरीबी को दूर करता है।
आग्नेय कोण: दक्षिण और पूर्व के मध्य का कोणीय स्थान आग्नेय कोण के नाम से जाना जाता है। नाम से ही साफ हो जाता है कि यह स्थान अग्नि देवता का प्रमुख स्थान है इसलिए रसोई या अग्नि संबंधी के रखने के लिए विशेष स्थान है।
आग्नेय कोण: दक्षिण और पूर्व के मध्य का कोणीय स्थान आग्नेय कोण के नाम से जाना जाता है। नाम से ही साफ हो जाता है कि यह स्थान अग्नि देवता का प्रमुख स्थान है इसलिए रसोई या अग्नि संबंधी के रखने के लिए विशेष स्थान है।
दरवाजे से ना आए आवाज
दरवाजा सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र बिंदु होता है इसलिए दरवाजा खोलते/बंद करते समय आवाज नहीं आनी चाहिए। यह अशुभ माना जाता है। घर या दुकान के दरवाजे यदि चरमराकर आवाज के साथ खुल रहे हों तो ये एक बड़ा वास्तु दोष है। ऐसी आवाजें दरिद्रता लेकर आती हैं।