नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीते गुरुवार को भारत और चीन सीमा गतिरोध के बारे में बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘भारत और चीन सीमा गतिरोध को हल करने के लिए वार्ता कर रहे हैं और यह दोनों देशों के बीच की गोपनीय बात है।’ जी दरअसल यह बात उन्होंने एक ऑनलाइन सम्मेलन के दौरान कही। इस दौरान उन्होंने चीन के साथ चल रही वार्ता के नतीजे के बारे में विशेष तौर पर पूछे जाने पर कहा, ‘‘चर्चा चल रही है और यह कार्य प्रगति पर है।” वहीं जब ‘ब्लूमबर्ग इंडिया इकोनॉमिक फोरम’ में उनसे सीमा की स्पष्ट स्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘वार्ता चल रही है और यह दोनों देशों के बीच की गोपनीय बात है।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सार्वजनिक रूप से बहुत ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं। मैं निश्चित रूप से इसके लिए पहले से कोई अनुमान नहीं लगाना चाहता हूं।” आगे तिब्बत की स्थिति के साथ-साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के घटनाक्रम के बारे में बात करते हुए वह बोले, ‘‘मुझे नहीं लगता कि हमें अन्य मुद्दों पर विचार करना चाहिए, जिनका स्पष्ट रूप से लद्दाख में वर्तमान स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है।”
इसी के साथ वह यह भी कहते नजर आए कि सीमा पर शांति बनाए रखने को लेकर 1993 से कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने के बाद से भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार हुआ। जी दरअसल आप सभी जानते ही होंगे कि पूर्वी लद्दाख में लगभग पांच महीनों से भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध आरम्भ हुआ है और यह अब तक खत्म नहीं हो पाया है।
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