मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य के लिए शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट छोड़ने के एलान के बाद भाजपा दमदार प्रत्याशी की तलाश में जुट गई है। 2012 के चुनाव में वीरभद्र सिंह ने भाजपा प्रत्याशी को 20 हजार के बड़े अंतर से हराया था।
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इस हलके से वीरभद्र को टक्कर देने के लिए भाजपा के पास पहले भी कोई मजबूत चेहरा नहीं रहा है। सीएम के बेटे के मैदान में उतरने की सूरत में भी भाजपा की चुनौती बरकरार है।
चेहरे की तलाश में जुटी भाजपा को सीट के लिए छह आवेदन मिल गए हैं, लेकिन मजबूत चेहरे की तलाश में पार्टी का सर्वे अब भी जारी है। पार्टी ऐसे उम्मीदवार को खोज रही है जो न सिर्फ विक्रमादित्य सिंह को टक्कर दे, बल्कि सीट पार्टी की झोली में भी डाले।
भाजपा प्रवक्ता राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा कभी भी मंचों से प्रत्याशियों का नाम घोषित नहीं करती। केंद्रीय संसदीय समिति ही नाम तय कर प्रत्याशी की घोषणा करती है। रही उम्मीदवार की बात तो पार्टी शिमला ग्रामीण ही नहीं, हर सीट पर जिताऊ प्रत्याशी ही उतारेगी।
वीरभद्र से हारे थे रोहाल
शिमला ग्रामीण से टिकट के दावेदारों में ईश्वर रोहाल वीरभद्र सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। वीना ठाकुर सोशल वेलफेयर बोर्ड की वाइस चेयरमैन रह चुकी हैं। शेष चार आवेदकों में कोई बड़ा नाम नहीं है।
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