दिल्ली के भीतर यदि आपको डीटीसी की बसों में भीड़ देखकर घबराहट होती है. या फिर ठसाठस भरी बस में सफर के नाम पर आपके पसीने छूट जाते हैं तो समझ लीजिए ऐसा अभी आगे भी होता रहेगा. दिल्ली विधानसभा में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि दिल्ली में 11 हजार बसों की जरूरत है लेकिन फिलहाल क्लस्टर बसों को मिलाकर डीटीसी के पास महज 5600 बसें हैं.
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पालम की विधायक भावना गौड़ ने द्वारका पालम इलाके में मेट्रो फीडर बसों का मुद्दा उठाया और कहा कि पालम एरिया में लास्ट मील कनेक्टिविटी नहीं है.
मालवीय नगर के विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि पिछले तीन साल में उन्होंने 25 चिट्ठियां ट्रांसपोर्ट विभाग को लिखीं लेकिन कोई जवाब नही आया. उनके इलाके में ग्रीन पार्क, हौज खास और मालवीय नगर मेट्रो स्टेशन से फीडर सर्विस नहीं है.
इन सवालों के जवाब में कैलाश गहलोत ने कहा कि मेट्रो को फीडर बस चलानी होती है, लेकिन 5000 के बजाय सिर्फ 230 बसें चल पा रही हैं. इस बारे में डीएमआरसी से मीटिंग हुई है.
उन्होंने आगे कहा कि आबादी के हिसाब से दिल्ली में 11 हजार बसों की जरूरत है लेकिन अभी कुल मिलाकर 5600 बसें हैं. पिछले सालों में अलग-अलग वजहों से बसें न खरीद पाने की वजह से दिक्कत है. पिछले तीन महीने में इस प्रक्रिया मे तेजी आई है.
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