सीबीआई ने 2016 में व्यापम ब्रांच बनाई थी और इसमें 100 अधिकारियों की तैनाती की थी, जिसमें डीआईजी, एएसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टर्स तैनात किए गए थे। सूत्रों के मुताबिक 20 अधिकारियों समेत लगभग 70 फीसदी स्टाफ पिछले 6 महीने में व्यापम टीम से हटाया गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि विपक्ष इस मसले पर सवाल उठाएगा। कांग्रेस ने व्यापम केस में बड़ी उम्मीद के साथ सीबीआई जांच की मांग की थी लेकिन इस मामले में ऐसे कई लोगों को क्लीन चिट मिल गई जोकि इस मामले पर नियंत्रण कर रहे थे।
वहीं सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि 40 से 50 लंबित मामलों की जांच एडवांस स्टेज पर थी। जबकि 100 मामलों में चार्जशीट दाखिल हो चुकी थी और उनका ट्रायल चल रहा है। कुछ अधिकारियों का रुटीन की वजह से ट्रांसफर किया गया है। ब्रांच को बंद करने की कोई वजह नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने 13 जुलाई 2015 को जब व्यापम केस को मध्यप्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स से लिया था तब विपक्ष को लगा था कि इस मामले में फौरन कार्रवाई होगी। सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर ने 40 लोगों की टीम भी बनाई थी लेकिन सूत्रों से जानकारी मिली कि जब अधिकारियों की तैनाती की गई थी तब उनका व्यापम केस में खास रुझान नहीं था। सीबीआई ने कई ब्रांचों से अधिकारियों को बुलाकर भोपाल भेजा था।
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