शनिदेव को ग्रहों में न्यायधीश कहा जाता है। व्यक्ति के अच्छे बुरे कर्मों का शनि देव ही देते हैं। व्यक्ति पर शनिदेव की नजर पड़ने वो राजा से रंक तक बन जाता है। यही नहीं जिस किसी पर भी शनिदेव की साढ़ेसाती या ढैय्या लग जाए तो उसे लंबे समय तक परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। अगर आपको भी लग रहा है शनिदेव आपसे नाराज चल रहे हैं तो इस शनि जयंती ये पांच उपाय करके उनके प्रकोप को कम कर सकते हैं।
हिन्दु सभ्यता में गाय को मां कहा गया है और गाय की सेवा करना पुण्य माना गया है, लेकिन शनि जयंती पर काली गाय की सेवा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। इस शनि जयंती काली गाय के सिर पर रोली लगाकर सींगों में कलावा बांधकर धूप आरती करें और परिक्रमा करके गाय को बूंदी के चार लड्डू खिला दें।
शनि जयंती के दिन सूर्यास्त के बाद हनुमान जी का पूजन करें। पूजन में सिंदूर, काली तिल्ली का तेल, इसी तेल का दीपक और नीले रंग के फूल अर्पित करें।
शमी के वृक्ष की जड़ को पूरे विधि विधान पूर्वक घर लाएं। शनि जयंती के दिन इसे अभिमंत्रित करवाकर काले धागे में बाधंकर गले या बाजू में धारण करें।
शनि जयंती के शनि यंत्र की स्थापना करें और पूजा करें। स्थापना करके रोज इस यंत्र की विधि विधान पूर्वक पूजा करें। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इस यंत्र के सामने रोज सरसों के तेल का दीप जलाएं।