शनिदेव न्याय और दण्ड के देवता हैं, वो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुरूप फल प्रदान करते हैं। इस कारण ही सामन्यजन में शनिदेव के प्रति भय की धारणा बनी रहती है। जबकि शनिदेव अच्छे कर्मों का अच्छा और बुरे कर्मों का बुरा परिणाम प्रदान करते हैं। ज्योतिष गणना के हिसाब से इस माह 11 अक्टूबर से शनि ग्रह की चाल वक्री से मार्गी हो रही है। जिसका प्रत्यक्ष लाभ उन राशियों को मिलेगा जिन पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या आदि महादशा चल रही है। कल शनि की वक्री चाल का आखिरी शनिवार है इस शनिवार पर शनिदेव के इन मंत्रों का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से शनि अपनी मार्गी चाल में आपके लिए लाभप्रद हो सकते हैं। शनि देव के मंत्रों का जाप करने के लिए कुशा के आसन पर बैठ कर, रूद्राक्ष की माला से इन मंत्रों का जाप करें। शनि की महादशाएं आपके लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करेंगी…..
 
1. शनि बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
2. सामान्य मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नमः।
3. शनि महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
4. शनि का पौराणिक मंत्र
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
5. शनि का वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
6. शनि गायत्री मंत्र
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्
7. शनि दोष निवारण मंत्र
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।
ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।
8. सेहत के लिए शनि मंत्र
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।
9. तांत्रिक शनि मंत्र
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
 TOS News Latest Hindi Breaking News and Features
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features
				 
		
		 
						
					 
						
					