बिहार में शराबबंदी के बाद अब सरकार ने बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चलाने के लिए कमर कस ली है. 2 अक्टूबर को गांधी जयंति के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस अभियान की शुरूआत करने जा रहे हैं. शराबबंदी के बाद बाल विवाह को रोकने और दहेज की प्रथा को खत्म करने की कोशिश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बिहार में समाजिक परिवर्तन की ओर एक और अहम कदम माना जा रहा है.
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हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले से ही बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अपने भाषणों में बोलते रहें हैं लेकिन अब यह अभियान के तहत गांधी जयंति के अवसर पर शुरू हो रहा है. उस दिन लाखों लोग शपथ लेंगे कि वह बाल विवाह रोकेंगे और दहेज ना लेंगे और ना ही देंगे. बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने जिले में शपथ का आयोजन करें और तत्काल इस शपथग्रहण समारोह के आंकड़े महिला विकास निगम को उपलब्ध करायें.
बिहार के चार करोड़ लोगों ने 21 जनवरी 2007 को शराबबंदी के पक्ष में मानव श्रृंखला बनाकर इतिहास रचा था कुछ उसी तरह बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ लाखों लोगों को शपथ दिलाई जाएगी. मुख्य समारोह पटना के गांधी मैदान में होगा जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोगों को शपथ दिलायेंगे. समाज कल्याण विभाग के तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम का प्रसारण भी किया जाएगा. हर जिले के टाउन हाल में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
इस कार्यक्रम में आम लोगों की भागीदारी के साथ-साथ सरकारी कर्मियों को शपथ लेना अनिवार्य होगा. साथ ही राज्य के सभी पंचायतों, महादलित टोलो, आंगनबाडी केन्द्रों, सरकारी और गैर सरकारी सभी स्कूलों, सभी अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों, नगर निकायों, थाना, पुलिस लाइन और स्वयं सहायता समूहों के बीच शपथ ग्रहण समारोह होगा.
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