सपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने फिर बातों बातों में सपा से अलग होने के संकेत दिए। पिछले दो दिनों से उनकी कार में सपा का झंडा भी गायब है। इशारों-इशारों में उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के सम्मान की रक्षा करेंगे।
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अपने भविष्य के कदम के बारें उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा समय का इंतजार करो। समय आने पर सब कुछ बताएंगे। कहा कि सरकार बनाना हमारे हाथ में है। नेताजी मुलायम सिंह यादव ने उनकी बात मानी होती तो आज उत्तर प्रदेश और बिहार में सपा एवं सहयोगी दलों की सरकार होती। नेताजी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनते। अब वह सभी सेक्युलर ताकतों को जोडे़ंगे।
किसानों, मेहनतकशों को जोड़कर संघर्ष करने से सरकार बनी। पांच बार से विधायक रहे, आठ साल मंत्री रहे, 30 साल से सहकारी बैंक के अध्यक्ष हैं। अब क्या रह गया है। अब किसी पद का लालच नहीं रहा। ये बातें उन्होंने शनिवार को जिला सहकारी बैंक के वार्षिक अधिवेशन के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि शकुनी, शिखंडी, चापलूसों और बेईमानों के रहते सरकार नहीं आ सकती। चापलूस और बेईमानों से बचना है तो सावधान रहना होगा। यदि नेता जी सावधान रहते तो कुछ नहीं होता। कितने लोग पार्टी में शामिल हो रहे थे, छोटे-छोटे दल सपा में विलय कर रहे थे। इस डेथ वारंट पर किसके दस्तखत हैं।
अपनी उपेक्षा से आहत शिवपाल ने कहा कि भाजपा सरकार की विफलताओं से जनता परेशान है। लेकिन विपक्ष अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं कर रहा। उन्हें यदि जिम्मेदारी मिलती तो सिकंदरा का विधानसभा उपचुनाव नहीं हारते।
उन्होंने प्रधानमंत्री का नाम लिये बगैर कहा कि वह बड़ा बोलते हैं भ्रष्टाचार खत्म कर देंगे। मुख्यमंत्री भी संकल्प लेते हैं भ्र्रष्टाचार खत्म कर देंगे. क्या भ्रष्टाचार खत्म हुआ। खनन, तहसीलों की हालत क्या है, किसी से छिपी नहीं हैं।
नए साल पर क्या अलग दल बनायेंगे के सवाल पर कहा इंतजार करें। तीन तलाक के मुद्दे पर भी कोई जवाब नहीं दिया। सभी सवालों का गोल-मोल ही जवाब दिया।
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