अपने ऐतिहासिक इराक दौरे में शनिवार को पोप फ्रांसिस ने शिया इस्लाम में सबसे वरिष्ठ मौलवियों में से एक ग्रैंड अयातुल्ला अली अल-सिस्तानी (Ayatollah Ali al-Sistani) से मुलाकात की। रविवार को, वे आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट के पूर्व गढ़ मोसुल का दौरा करेंगे और चर्च स्क्वायर में मताधिकार की प्रार्थना करेंगे।

बता दें कि पोप की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ 10,000 इराकी सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। दशकों तक इराक में चले युद्ध के दौरान ईसाई समुदाय के लोगों की संख्या में आई कमी के बीच पोप फ्रांसिस शुक्रवार को बगदाद पहुंचे। कोविड-19 महामारी के बीच हो रही पोप की इस ऐतिहासिक यात्रा के लिए महीनों से तैयारियां चल रही थी। बता दें कि यह पोप की पहली इराक यात्रा है। पोप ने तुर्की, जॉर्डन, मिस्र, बांग्लादेश, अजरबेजान, संयुक्त अरब अमीरात और फलस्तीनी प्रदेशों का भी दौरा किया है।
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