लखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बयानबाजी तो हमेशा ही होती रही है। लेकिन निर्माण प्रक्रिया के लिए आजन खां ने शिला पूजित ईंटों को सिटी मजिस्ट्रेट को भेजकर एक बार राम मंदिर मुद्दे को फिर से पटल पर ला खड़ा कर दिया है। है। हालाँकि यह मसला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। और जबतक सुप्रीम कोर्ट में कार्यवाही चल रही है तब तक किसी तरह का निर्माण संभव नहीं है।
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राम मन्दिर मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के बाद भी जब कभी इसके निर्माण की बात सामने आती रहती है। सुप्रीम कोर्ट में मामला होने के कारण निर्माण कार्य संभव नहीं है। राम मंदिर निर्माण को लेकर दो ही रास्ते हैं पहला सुप्रीम कोर्ट जल्द से जल्द सुनवाई कर मामले पर फैसला सुना दे और दूसरा आपसी सहमति से मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाए। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आपसी सहमति से मंदिर मस्जिद विवाद को हल करने की बात कही थी। लेकिन इस सब के बाद उत्तर प्रदेश में जैसी ही बीजेपी की सरकार आई वैसे ही राममंदिर निर्माण की बाते फिर से उठने लगी है।
आपको बतादें कि विगत दिनों सुप्रीम कोर्ट ने कहा था की मंदिर मस्जिद विवाद को सुलझाने के लिए आपसी सहमती बनायी जाए। कोर्ट उसमें सहायक की भूमिका निभा सकता है। जिसके बाद से ही राम मंदिर को लेकर मुस्लिम समुदाय को मनाने और एक सहमति में लाने की कबायद शुरू कर दी गयी थी।
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