पटना: बुधवार की रात बिहार की सियासत सड़क पर थी। महागठबंधन टूट चुका था और अब अपनी नई सरकार बनाने की लड़ाई थी। नीतीश कुमार ने एनडीए के साथ मिलकर नई सरकार बनाने की दावेदारी की घोषणा की तो तेजस्वी यादव ने भी नई सरकार बनाने के दावे का ऐलान किया। हालांकि, तब तक गुरुवार शाम 5 बजे नीतीश के शपथ ग्रहण समारोह की घोषणा हो चुकी थी।
जब तक तेजस्वी ने गणित लगाकर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया तब तक नीतीश उस रास्ते पर निकल चुके थे। नीतीश राज्यपाल से मिले और मीडिया को खबर मिली कि सुबह 10 बजे नीतीश की ताजपोशी होगी और सुशील मोदी डेप्युटी सीएम पद की शपथ लेंगे।
इस बात की खबर लगते ही तेजस्वी भी पूरे हुजूम के साथ राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिलने राजभवन जा पहुंचे। तेजस्वी ने इस मौके पर नीतीश को खूब निशाने पर लिया। वह बार-बार कहते रहे, ‘तेजस्वी एक बहाना था, इनको बीजेपी के साथ जाना था।’ उन्होंने कहा,’किस मुंह से ये शपथ लेने का काम करेंगे? इन (नीतीश) पर मर्डर का केस चल रहा है।’ तेजस्वी ने कहा, मुझे मोहरा बनाकर नीतीश जी अपनी छवि चमकाने का काम कर रहे थे। उन्होंने गांधी के हत्यारों के साथ हाथ मिलाया।’
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शपथग्रहण का समय शाम 5 बजे से सुबह 10 बजे कर देने के राज्यपाल के फैसले से आहत होकर तेजस्वी ने कहा, मुझे बदनाम किया जाता रहा है। बिहार के लोग देख रहे हैं। सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते हमें बुलाया जाना चाहिए था। मैं नीतीश कुमार को बताना चाहूंगा कि मुझे मोहरा बनाकर जो वह अपना चेहरा चमकाने का काम कर रहे हैं, बिहार की जनता सब देख रही है।’
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तेजस्वी और 5 आरजेडी नेता आधी रात को राज्यपाल से मिले। राज्यपाल ने कहा, ‘अब तो मैं उन्हें लेटर दे चुका हूं और इसे वापस नहीं किया जा सकता।’
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