उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना और प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे के साथ इन समारोहों में शामिल होना उनके लिए सम्मान की बात है। मोदी ने कहा, ‘‘मेरी यात्रा भारत एवं श्रीलंका के बीच सबसे स्थायी संबंधों में से एक – बौद्ध धर्म की साझी विरासत- को उजागर करती है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 में उनकी पिछली यात्रा में उन्हें सदियों से बौद्ध धर्म के अहम केंद्र और यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल अनुराधापुर जाने का अवसर मिला था। उन्होंने कहा, ‘‘इस बार, मुझे कैंडी में दलादा मलिगवा पवित्र स्थान पर प्रार्थना करने का अवसर मिलेगा।’’
मोदी ने कहा कि उनकी यात्रा की शुरुआत कोलंबो में गंगारामय्या मंदिर स्थित सीमा मलाका से आरंभ होगी जहां वह परंपरागत दीप प्रज्ज्वलन कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि वह सिरीसेना, विक्रमसिंघे और अन्य अहम नेताओं के साथ बैठक करेंगे। मोदी ने कहा, ‘‘मैं श्रीलंका में डिकोया अस्पताल का भी उद्घाटन करूंगा, जिसे भारत की मदद से बनाया गया है और वह भारतीय मूल के तमिल समुदाय के साथ बातचीत करेंगे।’’