केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कर अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि स्वच्छ धन अभियान के तहत जिन लोगों से संपर्क किया गया है उन्हें आगे की कार्रवाई के तहत धमकी या कारण बताआे नोटिस नहीं दी जाए। नोटबंदी के बाद सरकार ने कालेधन पर अंकुश के लिए स्वच्छ धन अभियान चलाया है। इसके तहत नोटबंदी के बाद मोटी रकम बैंकों में जमा कराने वाले व्यक्तियों से पूछा है कि क्या जमा कराया गया धन आपका ही है। इसके साथ कुछ और सूचनाएं मांगी गई हैं।
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कोई धमकी या नोटिस नहीं दिया जाएगा
आयकर विभाग के नीति बनाने वाले निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस बारे में आठ पृष्ठ का निर्र्देश-पत्रिका निकाली हैं। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि स्वच्छ धन अभियान के तहत सत्यापन के दायरे में आने वाले किसी व्यक्ति के लिए आयकर कार्यालय में किसी भी परिस्थिति में निजी रूप से पेश होने की जरूरत नहीं है। इसमें यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि सत्यापन की प्रक्रिया में लोगों से ऑनलाइन पत्राचार की भाषा काफी नरम होनी चाहिए और इसमें धमकी या चेतावनी जैसा कुछ नहीं होना चाहिए। किसी तरह का कारण बताआे नोटिस भी नहीं दिया जा सकता।
18 लाख लोगों को भेजे एसएमएस और इमेल
विभाग ने 50 दिन की नोटबंदी प्रक्रिया के दौरान 5 लाख रुपए से अधिक की संदिग्ध राशि जमा कराने वाले करीब 18 लाख लोगों को एसएमएस और ईमेल भेजा है। इनमें 15 फरवरी तक करीब छह लाख लोगों ने ई फाइलिंग पोर्टल पर अपना जवाब दे दिया है और साथ ही यह स्वीकार किया है कि उन्होंने ही राशि जमा कराई है। सीबीडीटी ने इस अभियान को स्वच्छ धन अभियान का नाम दिया है। कर अधिकारियों को कहा गया है कि यह सिर्फ शुरुआती सत्यापन प्रक्रिया है और इसमें सवाल तार्किक और सीमित होने चाहिए। सीबीडीटी ने मामला देखने वाले अधिकारियों से कहा है कि वे इस बारे में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को पूरी जानकारी देकर रखें। इसमें यह भी कहा गया है कि करदाताओं से टेलीफोन पर भी किसी तरह के सवाल पूछने से बचा जाए।
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