संभल में हिंसा भड़काने में आखिर किसका हाथ, कैसे घटी घटना?

आयोग दो माह में जांच करके पता लगाएगा कि यह घटना कोई सुनियोजित साजिश थी अथवा अचानक घटित हुई थी। यदि साजिश थी तो इसके पीछे किन लोगों की भूमिका थी।

संभल हिंसा की जांच के लिए राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन कर दिया, जिसका अध्यक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार अरोड़ा को बनाया गया है। वहीं सेवानिवृत्त आईएएस अमित मोहन प्रसाद और सेवानिवृत्त आईपीएस अरविंद कुमार जैन को आयोग का सदस्य बनाया गया है।

आयोग दो माह में जांच करके पता लगाएगा कि यह घटना कोई सुनियोजित साजिश थी अथवा अचानक घटित हुई थी। यदि साजिश थी तो इसके पीछे किन लोगों की भूमिका थी। साथ ही, घटना के बाद पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा कानून व्यवस्था बरकरार रखने का लिए उठाए गए कदम सही थे कि नहीं।

आयोग गहनता से जांच करके घटना की सही वजह भी पता लगाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए राज्य सरकार को अहम सुझाव भी देगा।

बता दें कि संभल मे पुलिस की कार्रवाई को लेकर तमाम सवाल उठ रहे थे, जिसकी निष्पक्ष तरीके से जांच के लिए राज्य सरकार ने न्यायिक आयोग गठित किया है। राज्य सरकार के मुताबिक हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि तमाम पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसके अलावा बड़े पैमाने पर सरकारी और निजी संपत्तियों का नुकसान हुआ है।

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