संसद का शीत सत्र इसबार फिर से हंगामे की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। आज संसद सत्र का पांचवा दिन था और आज भी सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। गुजरात विधानसभा चुनाव की सियासी तनातनी संसद में गहरे टकराव में बदल चुकी है। वहीं दूसरी ओर दस सालों से चल रहे टूजी मामले पर सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा सभी आरोपियों को बरी किए जाने का मामला भी संसद के दोनों सदनों में उछला और हंगामे की भेंट चढ़ गया।
सुबह ग्यारह बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेसी सांसदों ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे तक स्थगित की गई। दोबारा जब सदन की कार्यवाही 2 बजे शुरू हुई तो फिर सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इस दौरान टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी भारत रत्न और सांसद सचिन तेंदुलकर गुरुवार को राज्यसभा में पहली बार भाषण देने वाले थे, लेकिन उनका भाषण 2G घोटाले के हंगामे की भेंट चढ़ गया। राज्यसभा में सचिन ‘राइट टू प्ले’ के मुद्दे पर चर्चा करने वाले थे इसके लिए उन्हें दोपहर 2 बजे का समय मिला था।
सचिन जैसे ही बोलने के लिए खड़े हुए, कांग्रेसी सांसद वेल तक जा पहुंचे और पीएम से माफी की मांग करने लगे। उप सभापति द्वारा बार-बार गुजारिश करने के बाद सांसद शांत नहीं हुए। इस दौरान सचिन तेंदुलकर अपनी सीट पर खड़े नजर आए और शांत होने का इंतजार करते रहे। लेकिन जब सांसदों ने हंगामा और तेज कर दिया तो उप सभापति ने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी।
बताया जा रहा है कि सचिन अपने भाषण के दौरान देश में खेल और खिलाड़ियों को लेकर व्यवस्था, ओलंपिक की तैयारियों और किस तरह भारतीय खिलाड़ी दुनियाभर में अच्छा प्रदर्शन कर सकते है इस पर अपनी बात रखने वाले थे। इसके अलावा सचिन इस बात पर भी बात कर सकते थे कि जो खिलाड़ी देश के लिए मेडल जीतते हैं, उन्हें रिटायरमेंट के बाद काफी कम पैसा मिलता है। इस दौरान सचिन स्कूली शिक्षा में खेल को एक सिलेबस के तौर पर पेश किए जाने को लेकर भी चर्चा करने वाले थे।
सचिन को मौका न मिलने पर राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने कहा कि ‘सचिन ने पूरी दुनिया में भारत का नाम ऊंचा किया है ऐसे में उन्हें संसद में न बोलने दिया जाना शर्मनाक है क्या अब संसद में सिर्फ राजनेताओं को ही बोलने का मौका दिया जाएगा।’