सोनीपत में 21 साल पहले हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में सजा सुनाए जाने से पहले आतंकी अब्दुल करीम टुंडा ने बीमारी व बच्चों का बहाना बनाकर रहम की भीख मांगी। उसने लंबी बीमारी, तीन पत्नियों व छह बच्चों का हवाला देकर सजा में दया करने की अपील की। हालांकि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने कहा मानवता के खिलाफ कृत्य करने वाले को सजा मिलना बहुत जरूरी है।      
KBC 9: 75वां बर्थडे पर अमिताभ बच्चन ने खोला अपनी शादी से जुड़ा ये बड़ा राज…!
सोनीपत शहर में 28 दिसंबर 1996 को दो स्थानों पर बम ब्लास्ट हुए थे। इसमें पहला धमाका बस स्टैंड के पास स्थित बावा सिनेमा हॉल में तथा दूसरा गुलशन मिष्ठान भंडार के बाहर हुआ था। इस मामले में अब्दुल करीम टुंडा को दोषी करार दिया गया है।
आतंकी ने सजा सुनाए जाने से पहले न्यायाधीश से रहम की भीख मांगते हुए कहा कि वह 77 वर्ष का बुजुर्ग है। उसके पेट में ट्यूमर है, साथ ही घुटने में दर्द रहता है। इतना ही नहीं उसे कम दिखाई देता है। इसके साथ ही उसकी तीन पत्नियां व छह बच्चे हैं। टुंडा ने जज के सामने गिड़गिड़ाते हुए कहा उस पर दया की जाए।
सरकारी अधिवक्ता ने उसकी दया की अपील पर कोर्ट में कहा कि आतंकी अब्दुल करीम टुंडा कई सीरियल ब्लास्ट के मामलों में आरोपी है। उसके खिलाफ आठ मामले वर्तमान में देश की विभिन्न अदालतों में विचाराधीन है। यह खूंखार अपराधी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा है।
आतंकी आम आदमी के अंदर भय पैदा कर उनका व्यवहार बदलने में शामिल रहा है। समाज को भी हिंदू-मुस्लिम में बांटने का काम करता रहा है। टूंडा ने बम ब्लास्ट अधिक से अधिक लोगों की जान लेने को किया था। इसका मिशन भी यही था। यह दया का हकदार नहीं है। इसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। जिस पर न्यायालय ने उसे दो मामलों मे उम्रकैद की सजा सुनाई।  
 
जज की टिप्पणी
न्यायाधीश डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने साफ कहा कि टुंडा ने मानवता के खिलाफ कृत्य किया है। ऐसे में उसे माफी नहीं दी जा सकती।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features