अमेरिका के हवाई आइलैंड पर मौजूद किलुआ में गुरुवार को अब तक का सबसे बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट हुआ है। इसका लावा 30 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई तक उछला। इसमें 10 जगह ऐसी हैं जहां से लावा निकल रहा था। ज्वालामुखी फटने से कई जगहों की जमीन भी फट गई।
ज्वालामुखी के विस्फोट से पहले यहां बीते दिनों में 500 बार भूकंप आ चुका है। इसमें 13 बार रिएक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4 से ऊपर मापी गई थी। सबसे बड़ा भूकंप का झटका 6.9 की तीव्रता वाला था। बताया जा रहा है कि इन भूकंप के झटकों से ही ज्वालामुखी और विकराल हो गया। अभी तक भूकंप का लावा करीब 4 लाख वर्ग फीट तक फैल चुका था।
यूएस जियोग्राफिकल सर्वे ने आस-पास के शहरों में रह रहे लोगों को जहरीली गैस से बचाव की सलाह दी है। ज्वालामुखी से लगातार सल्फर डाई ऑक्साइड समेत कई जहरीली गैसें निकल रही हैं। बीते कई दिनों से इस ज्वालामुखी का धुंआ दिखाई दे रहा था। इसके बाद से ही बड़े विस्फोट की आशंका जता दी गई थी।
यूएस जियोग्राफिकल सर्वे ने जानकारी दी थी कि अंदर भारी मात्रा में लावा मौजूद है। लिहाजा, अभी भारी मात्रा में कई दिनों तक लावा निकल सकता है। इसकी चपेट में आकर 32 घर पहले ही तबाह हो गए थे। यहां के करीब 2,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है।
बता दें कि किलुआ ज्वालामुखी लुआ हीलो द्वीप पर स्थित पांच ज्वालामुखियों में से एक है। यहां करीब 1.89 लाख लोग रहते हैं और इसे देखने के लिए 89 लाख लोग आते हैं। हालांकि, ताजे विस्फोट के बाद वॉल्कैनो नेशनल पार्क को बंद कर दिया गया है।