संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी हरीश ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए वीटो पावर के वितरण में निष्पक्षता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पिछले आठ दशकों के दौरान सभी पांच स्थायी सदस्यों ने अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इसका प्रयोग किया। अमेरिका का न्याय विभाग चाहता है कि अदालत गूगल को क्रोम की बिक्री के लिए आदेश दे।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी हरीश ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए वीटो पावर के वितरण में निष्पक्षता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पिछले आठ दशकों के दौरान सभी पांच स्थायी सदस्यों ने अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इसका प्रयोग किया। लगभग 200 बार इसका उपयोग किया गया।
वीटो के उपयोग के लिए कई विकल्प
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के भीतर सुधार को लेकर वीटो के उपयोग के लिए कई विकल्प हैं। हम अन्य प्रतिनिधिमंडलों के साथ इस पर आगे बढ़ने को तैयार हैं। उन्होंने स्थायी सदस्यों के बीच समानता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि जब तक वीटो की व्यवस्था है, ये सभी स्थायी सदस्यों के पास होनी चाहिए।
इसके व्यापक निहितार्थों का उल्लेख करते हुए हरीश ने कहा कि वीटो का उपयोग केवल पांच सदस्य देशों के लिए उपलब्ध प्रावधान है। हालांकि, यह संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की संप्रभु समानता की अवधारणा के खिलाफ है।
सुधार के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, ”हम दृढ़ता से आग्रह करते हैं कि वीटो के सवाल सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार के सभी पांच पहलुओं को अंतरसरकारी वार्ता रूपरेखा में स्पष्ट रूप से परिभाषित समय सीमा के माध्यम से व्यापक तरीके से संबोधित किया जाना चाहिए।”
गूगल को क्रोम की बिक्री के लिए मजबूर करना चाहता है अमेरिकी न्याय विभाग
अमेरिका का न्याय विभाग चाहता है कि अदालत गूगल को क्रोम की बिक्री के लिए आदेश दे ताकि गूगल अपने सर्च इंजन के जरिये प्रतिस्पर्धा को नुकसान न पहुंचा सके। अमेरिका की एक अदालत ने पाया है कि गूगल ने पिछले एक दशक से एकाधिकार का दुरुपयोग किया है।अमेरिकी न्याय विभाग ने बुधवार देर रात दायर दस्तावेज में गूगल को दंडित करने की मांग की है जिसमें गूगल के क्रोम वेब ब्राउजर की बिक्री की मांग शामिल है। क्रोम की बिक्री से इस सर्च इंजन पर गूगल का नियंत्रण स्थायी रूप से समाप्त होगा।
गूगल की सजा पर वाशिंगटन, डीसी की अदालत में अप्रैल में सुनवाई शुरू होने वाली है। अगर अदालत सरकार की सिफारिशों को स्वीकार करती है तो गूगल को फैसले के छह महीने के भीतर अपना क्रोम ब्राउजर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, लेकिन कंपनी निश्चित रूप से किसी भी सजा के खिलाफ अपील करेगी। इससे यह मामला लंबा ¨खच सकता है। गूगल के मुख्य कानूनी अधिकारी, केंट वाकर ने कहा कि न्याय विभाग का प्रस्ताव अमेरिकियों और अमेरिका की वैश्विक प्रौद्योगिकी को नुकसान पहुंचाएगा।
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