सरसों का तेल खाने में स्वाद के साथ साथ आपकी सेहत को भी बनाए रखता है। आयुर्वेद के अनुसार सरसों का तेल कई बीमारियों में रामबाण का काम करता है।
गठिया और कान के दर्द में सरसों का तेल इस्तेमाल करें, राहत मिलेगी।
अगर वजन कम करना चाह रहे हैं तो खाने में सरसों का तेल इस्तेमाल करें। इसमें मौजूद विटामिन जैसे थियामाइन, फोलेट व नियासिन शरीर के मेटाबाल्जिम को बढ़ाते हैं।
अगर भूख लगनी बंद हो गई हो तो खाने में सरसों का तेल इस्तेमाल करें, ये हमारे पेट में एपिटाइजर का काम करेगा और भूख बढ़ेगी।
आपको शायद जानकारी न हो लेकिन सरसों के तेल में मौजूद ग्लुकोजिलोलेट शरीर में कैंसर और ट्यूमर की गांठ बनने से रोकता है।
दांतों में दर्द और पायरिया होने पर सरसों के तेल में नमक मिलाकर उंगली से इसकी दांतों पर मालिश करें। दांत मजबूत होंगे और पायरिया जड़ से खत्म हो जाएगा।
सिर धोने से पहले सिर पर अच्छे से सरसों के तेल की मालिश कीजिए, इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा। सरसों के तेल की मालिश से भूरे बाल काले हो जाएंगे।
अगर आप अस्थमा से परेशान हैं तो रोज सरसों का तेल इस्तेमाल करें। इसमें मौजूद मैग्नीशियम अस्थमा को कमजोर करता है। अगर आपको सर्दी ज्यादा लगती हैं तो छाती पर रोज हल्का गुनगुना तेल लगाएं।
सरसों के तेल में मौजूद एंटी ऑक्सिडेंट त्वचा को कसते हैं जिससे त्वचा जवान बनी रहती है। इसमें मौजूद विटामिन ए, सी और के चेहरे पर झुर्रियों को आने से रोकते हैं। यानी आप लंबे समय तक जवां बने रहेंगे।